महाकुंभ में अखाडे उपयोग करेंगे मिट्टी के बर्तन और दोना-पत्तल
प्रयागराज। जन आस्था के सबसे बड़े आकर्षण केन्द्र महाकुंभ में पर्यावरण संरक्षण के लिए अखाड़े अपने शिविरों में दैनिक उपयोग में प्लास्टिक की बजाय मिट्टी के बर्तनों और दोना पत्तल का उपयोग करेंगे।
अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि हिंदू सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करने वाले जन आस्था के सबसे बड़े आकर्षण अखाड़ों के स्वरूप में बदलावों को देखा जाएगा। महाकुंभ में हिंदू सनातन धर्म का प्रचार प्रसार करने वाले अखाड़ों में पर्यावरण संरक्षण का एजेंडा शामिल हो गया है। प्रयागराज महाकुंभ को प्लास्टिक फ्री और ग्रीन कुंभ के रूप में आयोजित करने का योगी सरकार ने संकल्प लिया है।
परिषद के अध्यक्ष ने कहा कि एक तरफ जहां कुंभ मेला प्रशासन इसके लिए निरंतर प्रयत्न कर रहा है तो वहीं दूसरी तरफ अखाड़ों और संतों के महाकुंभ के एजेंडे में भी सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के साथ पर्यावरण संरक्षण का एजेंडा शामिल हो गया है।
उन्होंने कहा कि प्रकृति हैं तो मनुष्य है। इसलिए प्रकृति को बचाए रखने के लिए पर्यावरण संरक्षण का विषय महत्वपूर्ण है। महाकुंभ में इस बार अखाड़ों के संत भी लोगों को इसके लिए जागरूक करेंगे। इसके अलावा महाकुंभ में संतों और श्रद्धालुओं से प्लास्टिक और थर्मोकोल के बर्तनों के बजाय दोना पत्तल और मिट्टी के बर्तनों को बढ़ावा देने की अपील की गई है।
वार्ता