रक्षा मंत्री ने "मोबाइल बीएसएल-3 वीआरडीएल लैब" को राष्ट्र को किया समर्पित
नई दिल्ली । रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नई दिल्ली में वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश की पहली कोविड-19 गतिशील नमूना संग्रह प्रयोगशाला "मोबाइल बीएसएल-3 वीआरडीएल लैब" को राष्ट्र को समर्पित किया।
इस अवसर पर श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संतोष गंगवार, गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी, तेलंगाना के नगरीय प्रशासन और शहरी विकास, उद्योग एवं आईटी ईएंडसी मंत्री श्री के टी रामा राव, तेलंगाना के ही ।श्रम एवं रोजगार, कारखाना मंत्री चामाकुरा मल्ला रेड्डी भी उपस्थित रहे।
इस प्रयोगशाला को रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ), रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार ने भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और तेलंगाना सरकार की स्वीकृति के क्रम में ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सनथनगर (हैदराबाद) के सहयोग से विकसित किया है।
इस अवसर पर रक्षा मंत्री ने रिकॉर्ड 15 दिन में इस जैव-सुरक्षा स्तर 2 और स्तर 3 की प्रयोगशाला की स्थापना में डीआरडीओ और ईएसआईसी के प्रयासों की सराहना की, जिसमें आम तौर पर लगभग छह महीने का समय लग जाता है। उन्होंने कहा कि इस परीक्षण इकाई से एक दिन में 1,000 नमूनों की जांच की जा सकती है और इससे कोविड-19 से लड़ाई में देश की क्षमताओं को बढ़ाने में सहायता मिलेगी।
श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने अपने संबोधन में इतने कम समय में गतिशील परीक्षण प्रयोगशाला विकसित करने के लिए डीआरडीओ और ईएसआईसी की सराहना की। उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में यह खासी अहम होगी। श्री गंगवार ने कोविड-19 से लड़ाई में उनके मंत्रालय के अधीन आने वाले संगठन ईएसआईसी द्वारा किए जा रहे प्रयासों की सराहना की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री जी. किशन रेड्डी ने इस इकाई के विकास के लिए डीआरडीओ के वैज्ञानिकों और ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सनथनगर, हैदराबाद के चिकित्सकों के दल की सराहना की।
"मोबाइल बीएसएल-3 वीआरडीएल प्रयोगशाला" के बारे में
ईएसआईसी मेडिकल एंड हॉस्पिटल, सनथनगर, हैदराबाद के द्वारा "मोबाइल बीएसएल-3 वीआरडीएल लैब" नाम की इस नई मोबाइल डायग्नोस्टिक और रिसर्च इकाई का उपयोग किया जाएगा। यह कोविड-19 और अन्य संबंधित परीक्षण व शोध उद्देश्यों के लिए देश में अपनी तरह की पहली इकाई होगी।
मोबाइल बीएसएल-3 वीआरडीएल लैब के डिजाइ को डीआरडीओ के वैज्ञानिकों के द्वारा विकसित किया गया है, जिसमें ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सनथनगर, हैदराबाद द्वारा विशेषताएं शामिल की गई हैं। इस परियोजना का कार्यान्वयन और निर्माण डीआरडीओ के तीन उद्योग भागीदारों द्वारा किया गया है।
डीआरडीओ द्वारा विकसित और ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सनथनगर, हैदराबाद के साथ साझा की गई अन्य नवीन तकनीकों में नमूना संग्रह के लिए सीओवीएसएसीके यूनिट, एयरोसोल बॉक्स और आर्सेलाइज्ड सैनिटाइज्ड डिस्पेंसर, स्नोर्केल फेस मास्क और फेस शील्ड, यूवी-सी कीटाणुनाशक चैम्बर शामिल हैं।
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सनथनगर, हैदराबाद
ईएसआईसी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सनथनगर, हैदराबाद 500 बिस्तरों वाला अस्पताल है। इसके अलावा ऑन्कोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, न्यूरो सर्जरी, कार्डियोलॉजी, पीडियाट्रिक सर्जरी जैसे अन्य सुपर स्पेशियल्टी उपचार के लिए अस्पताल में अन्य 150 बिस्तर भी उपलब्ध हैं, जिससे ईएसआई लाभार्थी एक ही स्थान पर सर्वश्रेष्ठ उपचार हासिल करते हैं।
कोविड-19 महामारी के खिलाफ लड़ाई में ईएसआईसी द्वारा उठाए गए अन्य कदम
इस संकटपूर्ण हालात में, देश भर में 13 ईएसआईसी अस्पताल 1,861 आइसोलेशन बिस्तरों के साथ कोविड-19 समर्पित अस्पतालों में तब्दील किए जा चुके हैं। उक्त अस्पतालों के अलावा, देश के अन्य ईएसआईसी अस्पतालों में लगभग 1,011 आइसोलेशन बिस्तर उपलब्ध करा दिए गए हैं। इसके साथ ही इन अस्पतालों में 197 वेंटिलेटर्स के साथ कुल 555 आईसीयू/ एचडीयू बिस्तर भी उपलब्ध करा दिए गए हैं। ईएसआईसी के अलवर (राजस्थान), बिहटा, पटना (बिहार), गुलबर्ग (कर्नाटक) और कोरबा (छत्तीसगढ़) स्थित चार अस्पतालों में क्वारंटाइन सुविधा (कुल 1,254 बिस्तर) शुरू कर दी गई हैं। इसके अलावा ईएसआईसी अस्पताल, फरीदाबाद (हरियाणा) में कोविड-19 परीक्षण सुविधा उपलब्ध करा दी गई है।