अधिकारी की लेट लतीफी-आईजीआरएस पोर्टल बन रहा सहारा
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार का आईजीआरएस पोर्टल प्रदेशवासियों के साथ-साथ मंत्री, सांसदों व विधायकों का भी सहारा बन रहा है। सरकारी कामकाज में अधिकारियों की लेटलतीफी से परेशान प्रदेश के मंत्री, सांसद और विधायक भी अपनी शिकायतें और समस्याएं आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज करवा रहे हैं। कुछ मामलों में तो खुद मुख्यमंत्री कार्यालय ने उनकी शिकायतों को आईजीआरएस पर दर्ज करवाया है। इसका मंत्रियो सांसदों व विधायकों को फायदा भी मिल रहा है। जिन कामों को करवाने के लिए सांसदों व विधायकों को इधर से उधर भागदौड़ करते हुए मशक्कत करनी पड़ती थी।
अब वह काम आईजीआरएस पोर्टल के माध्यम से आसानी के साथ निस्तारित हो रहे हैं। दरअसल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों अधिकारियों को विधायकों और सांसदों की समस्याओं का प्राथमिकता के आधार पर निस्तारण कराने का निर्देश दिया था। इसके बावजूद भी अधिकारियों पर लेटलतीफी और लापरवाही बरतने के आरोप लग रहे हैं। आईजीआरएस पोर्टल पर प्रदेशवासियों का तो विश्वास बढ़ा ही है। इसलिए आम नागरिकों के साथ-साथ अब मंत्री, सांसद और विधायक भी इस पोर्टल पर अपनी शिकायतें दर्ज करवा रहे हैं। प्रदेश सरकार में राज्य मंत्री स्वाति सिंह की हिंद नगर कॉलोनी के संबंध में नगर निगम को हैंड ओवर करने के संबंध में की गई शिकायत आईजीआरएस पोर्टल पर दर्ज है। इस संबंध में 2 मार्च को राज्य के विशेष सचिव आवास रणविजय सिंह ने लखनऊ विकास प्राधिकरण से रिपोर्ट मांगी है। लखनऊ के मोहनलालगंज सीट से सांसद कौशल किशोर की कई शिकायतें आईजीआरएस के पोर्टल पर दर्ज हैं। उन्होंने वास्तु खंड गोमती नगर की छेदाना को रोजी रोटी के लिए मिले चबूतरे की रजिस्ट्री कराने के लिए सीएम को पत्र लिखा है। उनकी यह शिकायत 31 जनवरी को आइजीआरएस पोर्टल पर दर्ज हुई है।