नई सरकार के मामलों में केंद्र का हस्तक्षेप विनाशकारी होगा: महबूबा
श्रीनगर। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने मंगलवार को कहा कि नयी दिल्ली को जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन के पक्ष में दिए गए फैसले से सबक लेना चाहिए और जम्मू-कश्मीर के उनके शासन में हस्तक्षेप करने से बचना चाहिए।
मुफ्ती ने आज यहां यह टिप्पणी तब की जब उनसे पूछा गया कि क्या जम्मू-कश्मीर में मौजूदा परिस्थितियों में सरकार चलाना मुश्किल होगा।उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, “नयी दिल्ली को चुनावों को एक सबक के रूप में लेना चाहिए। जम्मू-कश्मीर के लोगों ने नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस के नेतृत्व में एक स्थिर सरकार के पक्ष में जनादेश दिया है। केंद्र सरकार को उनके मामलों में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।”
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर केंद्र सरकार ऐसा करती है, तो यह विनाशकारी और पहले से भी बदतर साबित होगा।
जब उनसे पूछा गया कि ये चुनावी परिणाम केंद्र को क्या संदेश देते हैं, तो उन्होंने कहा, “संदेश स्पष्ट है कि जम्मू-कश्मीर के लोग समझदार और बुद्धिमान हैं और उन्होंने क्षेत्र में और अराजकता के खिलाफ मतदान किया है।मैं चुनावों में उल्लेखनीय जीत पर कांग्रेस नेतृत्व को बधाई देना चाहती हूं। इसी तरह, मैं स्थिर सरकार के पक्ष में मतदान करने के लिए जम्मू-कश्मीर के लोगों को भी बधाई देती हूं।”
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है, विशेषकर 05 अगस्त, 2019 से, जब केंद्र सरकार ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करके इस क्षेत्र की विशेष स्थिति को समाप्त कर दिया था। उन्होंने इस बात पर बल दिया कि इन मुद्दों का समाधान करने के लिए एक मजबूत और स्थिर सरकार का गठन होना आवश्यक था।
पीडीपी को बहुत कम सीटें मिलने के बारे में पूछे जाने पर, सुश्री मुफ्ति ने कहा ,“यह लोगों की पसंद है और हमें इसे स्वीकार करना चाहिए। लोकतंत्र में, ऐसे नतीजे चुनावी प्रक्रिया का हिस्सा हैं।”
पीडीपी नेता ने कहा, “मेरा मानना है कि लोग एक स्थिर सरकार चाहते थे और इसी कारण उन्होंने भाजपा को सत्ता से बाहर रखने के लिए नेशनल कॉन्फ्रेंस और कांग्रेस गठबंधन को वोट दिया। इससे समझा जा सकता है कि हमारी पार्टी को ज्यादा सीटें क्यों नहीं प्राप्त हुई।”
यह पूछे जाने पर कि क्या मतदाता 2014 की पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के खिलाफ प्रतिक्रिया दे रहे हैं, उन्होंने कहा, “कश्मीर घाटी के लोगों ने विशेष रूप से एक स्थिर सरकार का गठन करने के लिए मतदान किया है जो भाजपा का दृढ़ता से विरोध कर सकती है।”
यह पूछे जाने पर कि क्या पीडीपी नेकां-कांग्रेस गठबंधन में शामिल होगी, उन्होंने कहा,“ मेरे हिसाब से उनके गठबंधन को 50 सीटें प्राप्त होंगी।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि उन्होंने कुछ दिन पहले कांग्रेस नेतृत्व से बात की थी और उन्हें आश्वासन दिया था कि उन्हें बाहरी समर्थन की आवश्यकता नहीं होगी क्योंकि जम्मू-कश्मीर में बहुमत की सरकार बनाने के लिए उन्हें पर्याप्त सीटें मिलने की संभावना है।
उन्होंने यह भी कहा कि पीडीपी विधानसभा में रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी।
उन्होंने कहा कि अगर परिणाम अस्पष्ट होता तो स्थिर सरकार के अभाव में लोगों को ज्यादा चुनौतियों का सामना करना पड़ता। सुश्री मुफ्ति ने कहा, “मैं नयी सरकार को अपनी शुभकामनाएं देती हूं, क्योंकि लोगों ने उन पर बहुत भरोसा किया है। मुझे उम्मीद है कि वे क्षेत्र के बाहर की जेलों में बंद युवाओं, बेरोजगारी और उच्च बिजली दर जैसे मुद्दों का समाधान करेंगे।”
उपराज्यपाल द्वारा विधानसभा में पांच सदस्यों के नामांकन के बारे में पूछे जाने पर, पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “यह बहुत गलत, अनैतिक और असंवैधानिक है। अगर जनता ने खंडित जनादेश दिया होता तो उन पांच सदस्यों की प्रासंगिकता समझी जा सकती है। इससे भाजपा जम्मू-कश्मीर में सरकार को नियंत्रित करने में सक्षम बन जाती।”
वार्ता