हत्या के इरादे से फायरिंग करने वाले को 7 साल बाद मिली सजा
एक मामले में एक व्यक्ति को हत्या की चेष्टा करने के आरोप में 10 वर्ष की कैद और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
बुलंदशहर। उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर जिले की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने लगभग सात साल पुराने एक मामले में एक व्यक्ति को हत्या की चेष्टा करने के आरोप में 10 वर्ष की कैद और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
अपर जिला जज फास्ट ट्रैक ने बुधवार को गवाहों के बयान पत्रावली पर उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर आरोपी सलीम को वीरपाल पर हत्या के इरादे से फायरिंग कर घायल करने का दोषी करार दिया और उसे 10 वर्ष की कैद एवं पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुना दी।
विशेष लोक अभियोजक परविंद्र कुमार लोधी और कुश कुमार ने आज यह जानकारी देते हुए बताया कि मौहल्ला पाठक जहांगीराबाद निवासी वीरपाल का पुत्र मनोज अपने पिता पर जमीन का बंटवारा करने का दबाव बनाये था। आरोप है कि पिता के जमीन बंटवारे से इनकार करने पर मनोज ने ग्राम जलीलपुर थाना जहांगीराबाद निवासी अपने दोस्त सलीम और सलमान के साथ मिलकर 31 जुलाई 2016 को पिता वीरपाल की हत्या करने के इरादे से पिता पर उस समय फायरिंग की जब वह अपने घर से निकल कर बाहर आए। फायरिंग की आवाज सुनकर छोटा पुत्र हितेश कुमार घर से बाहर आया और उसने हमलावरों को दीवार फांद कर मौके से भागते हुए देखा। घटना की रिपोर्ट हितेश ने हीं कोतवाली जहांगीराबाद में दर्ज कराई जिसमें सलीम, अपने बड़े भाई मनोज और सलमान को नामजद किया गया। पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया और हत्या की चेष्टा के आरोप में विवेचना के बाद आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया मुकदमे की अंतिम सुनवाई अपर जिला जज फास्ट ट्रेक प्रथम गोपाल जी के न्यायालय में हुई। अभियोजन पक्ष की पैरवी विशेष लोक अभियोजक परविंद्र कुमार लोधी और कुश कुमार ने की। पुलिस ने भी मामले को जिले में घठित जघन्य अपराध की श्रेणी में चिनहित करते हुए न्यायालय में प्रभावी एवं सशक्त पैरवी की मुकदमे की सुनवाई के दौरान आरोपी मनोज और सलमान की मौत हो गई।
वार्ता