अल्कोहल मामले में IG की जांच में SP समेत 18 मिले दोषी-कार्यवाही शुरू

सुर्खियों में रहे अल्कोहल मामले में 50 लाख रुपए की रिश्वत लेने के बाद उसके ऊपर पर्दा डालने के आरोपों की जांच

Update: 2021-12-20 07:43 GMT

बरेली। सुर्खियों में रहे अल्कोहल मामले में 50 लाख रुपए की रिश्वत लेने के बाद उसके ऊपर पर्दा डालने के आरोपों की जांच पूरी होने के बाद दोषियों के खिलाफ कार्यवाही शुरू हो गई है। इस मामले को लेकर आईजी द्वारा की गई जांच में तत्कालीन एसपी शगुन गौतम समेत 18 पुलिसकर्मी दोषी पाए गए हैं। शासन को भेजी गई रिपोर्ट में रिश्वत के मामले को लेकर सीधे कुछ कहे जाने की बजाय मामले में लापरवाही एवं सांठगांठ किए जाने की बात सही पाई गई है।

दरअसल वर्ष 2020 की 12 जून को रामपुर में शहजाद नगर थाना क्षेत्र के गांव कमौरा में स्पेशल टास्क फोर्स यानी एसटीएफ की टीम ने एक टैंकर में भरे 25000 लीटर एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल के साथ गांव धनोरा निवासी राजेंद्र सक्सेना उर्फ राजू सक्सेना, अखिलेश मौर्य एवं राजेंद्र निवासी नसीमगंज टांडा को गिरफ्तार किया था। टैंकर के भीतर बरामद हुए अल्कोहल का उपयोग अवैध शराब के निर्माण में किया जाना था। एसटीएफ की टीम की ओर से गिरफ्तार किए गए तीनों लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। मगर आरोप है कि इसके बाद थाना पुलिस की ओर से आगे की कोई कार्यवाही नहीं की गई। नकली शराब बनाने वाले गिरोह की धरपकड़ नहीं होने पर पुलिस के ऊपर यह आरोप लग गए कि रुपए लेकर अल्कोहल पकड़े जाने के मामले को रफा-दफा कर दिया गया है। मामला जब उच्चाधिकारियों के संज्ञान तक पहुंचा तो मुरादाबाद के तत्कालीन आईजी रमित शर्मा ने एसएसपी को इस मामले की जांच सौंप दी। अल्कोहल प्रकरण को लेकर तत्कालीन एसपी शगुन गौतम का नाम भी सामने आया, इसलिए एडीजी अविनाश चंद्र की ओर से बरेली के तत्कालीन आईजी राजेश पांडे के माध्यम से मामले की जांच कराई गई। पिछले दिनों एडीजी ने आरोपी पाए गए एसपी समेत अन्य सभी पुलिसकर्मियों पर कार्यवाही किए जाने के लिए अपनी रिपोर्ट शासन को भेज दी है। जिसके बाद एसपी एवं तीन अन्य को छोड़ 14 पुलिसकर्मियों की बर्खास्तगी की कार्रवाई शुरू कर दी गई है।



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