दंगा मामले में 17 साल बाद पालिकाध्यक्ष समेत 41 अन्य दोषी करार
41 आरोपियों को दंगा भड़काने का दोषी ठहराते हुए उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दि
बलरामपुर। उत्तर प्रदेश में बलरामपुर जिले के उतरौला कोतवाली क्षेत्र में 17 वर्ष पूर्व में हुये साम्प्रदायिक दंगे के मामले में अपर जिला जज ने गुरुवार को 62 में से 41 आरोपियों को दंगा भड़काने का दोषी ठहराते हुए उन्हें न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया। अदालत इस मामले में शुक्रवार को सजा सुनायेगी।
अदालत ने इस मामले में 18 आरोपियों काे दोषमुक्त करार देते हुए बरी कर दिया। अभियोजन पक्ष ने आज अदालत का फैसला सुनाये जाने के बाद यह जानकारी देते हुए बताया कि दो आरोपियों की मुकदमे की सुनवाई के दौरान मृत्यु हो चुकी है। उन्होने बताया कि दोषियों में पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष अनूप गुप्त व अमरनाथ गुप्त भी शामिल है। उन्होनें बताया कि शुक्रवार को एडीजे न्यायालय सभी दोषियों को सजा सुनायेगी।
आरोपियों में दोनों पक्षों के लोग शामिल है। लोक अभियोजक ने बताया कि सन 2005 में होली के अवसर पर हुये सांप्रदायिक दंगे में चार दर्जन से अधिक दुकानों में लूटपाट कर आगजनी की गयी थी। उन्होने बताया कि इस दंगे में तत्कालीन एसडीएम आरके सिंह, सीओ आरके सोनकर, प्रभारी निरीक्षक बलराम सरोज समेत दर्जनों पुलिसकर्मियों एवं स्थानीय लोगों को गंभीर चोटें आयीं थी।
दंगे को लेकर तत्कालीन कोतवाल की तहरीर पर उतरौला कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया था। इस सिलसिले में पुलिस द्वारा प्रस्तुत की गयी पत्रावलियों का विचारण कर न्यायालय ने दोषियों को न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया।
वार्ता