सहकारी बैंक में 25 करोड़ का घोटाला- 2 बैंक अधिकारी अरेस्ट- 8 की तलाश जारी

25 करोड़ रुपये के घोटाले में संलिप्त दो बैंक अधिकारियों को गुरूवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया

Update: 2024-07-18 13:22 GMT

इटावा। उत्तर प्रदेश में इटावा जिले के कोतवाली इलाके में हर्षनगर स्थित जिला सहकारी बैंक में हुए करीब 25 करोड़ रुपये के घोटाले में संलिप्त दो बैंक अधिकारियों को गुरूवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, जब आठ अन्य की सरगर्मी से तलाश की जा रही है ।

इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि 25 करोड़ के बैंक घोटाले के आरोप में संलिप्त बैंक लिपिक अतुल प्रताप सिंह और एकाउंटेंट नफीसुल जैदी को सघन चेकिंग के दौरान बस स्टैंड चौराहे के पास से गिरफ्तार कर लिया गया ।

उन्होंने बताया कि 16 जुलाई की रात को सहकारी बैंक में घोटाले से जुड़े हुए मामले को लेकर जांच कमेटी के अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक के उपमहाप्रबंधक उमेश कुमार ने कोतवाली थाने में मुदकमा दर्ज कराया है।

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार ने बताया कि नौरंगाबाद चौकी के पास कचहरी रोड पर स्थित जिला सहकारी बैंक की मुख्य शाखा में घोटाले की शिकायत मिलने पर जांच कमेटी गठित की गई थी। जांच में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं कर धन का गबन पाया गया। नौ जुलाई को जांच कमेटी के संयुक्त हस्ताक्षर से अंतिम रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। जांच में 24 करोड़ 18 लाख 66 हजार आठ सौ 65 रुपये का गबन व 72 लाख 30 हजार 13 रुपये अनियमितता पाई गई। गबन व अनियमितता में बैंक शाखा के कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई।

कोतवाली थाने में जांच कमेटी के अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक के उपमहाप्रबंधक उमेश कुमार की तहरीर पर जिला सहकारी बैंक के निलंबित वरिष्ठ शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी, वरिष्ठ शाखा प्रबंधक मुख्यालय राजीव मिश्रा, सुनीता, अतुल प्रताप सिंह, नफीसुल जैदी, उपेंद्र कुमार, रिंकी, शिवांगी शुक्ला, अमित कुमार और रिंकी के खिलाफ धारा 420,467,468,471 ओर 409 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। उन्होंने बताया कि चूंकि यह मामला साल 2018 का है इसलिए इस मामले को भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत ही दर्ज किया गया है।

इटावा जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक दीपक गुप्ता ने बताया कि बैंक में घोटाले का यह मामला साल 2018 से साल 2023 तक का है। 2023 के दिसम्बर माह में आई शिकायत पर पहले प्राथमिक जांच कराई गई थी। इसमें मामला सही पाए जाने पर दो कर्मचारियों वरिष्ठ शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी और कैशियर नफीसुल जैदी को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया था। इसके बाद जांच कमेटी बनाकर पूरे प्रकरण की शुरुआत से जांच कराई गई। अन्य कर्मचारियों को भी निलंबित कर दिया गया है।

उन्होंने बताया कि इस घोटाले में शामिल सुनीता नाम की महिला कर्मी जालौन जिले के उरई स्थित सहकारी बैंक में तैनात है लेकिन फिलहाल इटावा के जिला सहकारी बैंक में कार्यरत थी घोटाले में शामिल होने के कारण सुनीता को उरई भेजने के साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए उरई बैंक के शाखा प्रबंधक को पत्र लिखा गया है।

उन्होंने बताया कि घोटाले के आरोपी सभी बैंक कर्मियों और अधिकारियों की बर्खास्तगी की को लेकर के जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।

उन्होंने बताया कि आरोपी सभी बैंक अधिकारियों और कर्मचारी से घोटाले की रकम वसूली के लिए विभागीय स्तर पर प्रक्रिया अपनाई जा रही है, प्रकिया जैसे ही शुरू होगी वैसे ही घोटाले की रकम वसूल करना नियमानुसार शुरू कर दी जाएगी।

इटावा जिला सहकारी बैंक के महाप्रबंधक दीपक गुप्ता ने बताया कि इस घोटाले के बाबजूद किसी भी उपभोक्ताओं का नुकसान नहीं हुआ है। उपभोक्ताओं को परेशान होने की कतई आवश्यकता नहीं है। उनका धन पूरी तरह से सुरक्षित हैं।

उन्होंने बताया कि करीब 25 करोड़ के घोटाले के मामले में इटावा जिला सहकारी बैंक के वरिष्ठ शाखा प्रबंधक अखिलेश चतुर्वेदी,राजीव मिश्रा और सुनीता है। अखिलेश चतुर्वेदी और अकाउंटेंट नफ़ीसुल जैदी को दिसंबर माह में ही निलंबित कर दिया गया था जबकि करीब 7 माह तक चली जांच में कनिष्ठ शाखा प्रबंधक अतुल प्रताप सिंह, कैशियर/ लिपिक रिंकी,उपेंद्र कुमार, रिंकी, शिवांगी शुक्ला,अमित कुमार और रिंकी को निलंबित कर दिया गया है।

आज दोपहर बाद इटावा के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संजय कुमार , पुलिस उपाधीक्षक अमित कुमार सिंह प्रभारी निरीक्षक कोतवाली विक्रम सिंह चौहान के साथ जिला सहकारी बैंक का सघन निरीक्षण करने के लिए पहुंचे। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने घोटाले के संदर्भ में बैंक के अधिकारियों और कर्मियों से अलग-अलग बातचीत भी की है।

वार्ता

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