PMMV योजना के तहत लाभ देने में बुंदेलखंड के दो जिले अग्रणी
याेजना के अंतर्गत पहली बार गर्भवती हो ने पर पात्र लाभार्थी को तीन किश्तों में 05 हज़ार रूपय दिये जाते हैं
झांसी। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमवीवाई) के तहत गर्भवती महिलाओं को बेहतर लाभ पहुंचाने में बुंदेलखंड के दो जिले ललितपुर और चित्रकूट अग्रणी रहे हैं।
पहली बार गर्भ धारण करने वाली महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य देखभाल और पोषण के लिए पूरे देश में चलायी जा रही प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) में अब तक बेहतर लाभ पहुंचाने में सर्वोत्तम काम के लिए चुने गये तीन जिलों में बुंदेलखंड के दो जिले ललितपुर और चित्रकूट दूसरे और तीसरे स्थान पर रहे हैं। महाराजगंज जिले ने प्रदेश में प्रथम स्थान पाया है। इस योजना में गति प्रदान करने के लिए प्रदेश भर में एक से सात सितम्बर तक मातृ वंदना सप्ताह मनाया गया था, जिसमें शहरी क्षेत्र में बेहतर प्रदर्शन करते हुये झांसी जनपद को प्रदेश में नौवां स्थान मिला है।
झांसी मंडल की अपर निदेशक डॉ़ अल्पना बरतारिया ने गुरूवार को बताया कि जनवरी वर्ष 2017 से शुरू हुई इस योजना से झांसी मंडल में 1.19 लाख से अधिक माताओं को लाभान्वित किया गया है। अपने लक्ष्य से 116 प्रतिशत लाभ पहुंचाने में ललितपुर जनपद प्रदेश में दूसरे स्थान पर है, इसके लिए सभी लोग बधाई के पात्र है। उम्मीद है कि आगे भी पात्र गर्भवती व धात्री महिलाओं को लाभ पहुंचाने पर ऐसे ही प्रयासरत रहेंगे। योजना से संबन्धित लाभ व जानकारी के लिए हेल्पलाइन नम्बर 7998799804 पर कॉल किया जा सकता है।
झांसी जनपद में योजना के नोडल अधिकारी डॉ॰ एन के जैन ने बताया कि याेजना के तहत एक से सात सितम्बर तक चलाये गये साप्ताहिक अभियान का उद्देश्य योजना को जनमानस तक पहुंचाना एवं पात्र महिलाओं को योजना से लाभान्वित कराना था जिसके फलस्वरूप एक सप्ताह में जनपद के शहरी क्षेत्रों की 292 महिलाओं को लाभ पहुंचाकर जनपद झांसी ने प्रदेश में नौवां स्थान प्राप्त किया है।
गौरतलब है कि इस याेजना के अंतर्गत पहली बार गर्भवती हो ने पर पात्र लाभार्थी को तीन किश्तों में 05 हज़ार रूपय दिये जाते हैं। इसके तहत पंजीकरण के लिए गर्भवती और उसके पति का कोई पहचान पत्र या आधार कार्ड, मातृ-शिशु सुरक्षा कार्ड, बैंक पासबुक की फोटो कापी जरूरी होती है। पंजीकरण के साथ ही गर्भवती को प्रथम किश्त के रूप में 1000 रुपये दिए जाते हैं। प्रसव पूर्व कम से कम एक जांच होने और गर्भावस्था के छह माह बाद दूसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये और बच्चे के जन्म का पंजीकरण होने और बच्चे के प्रथम चक्र का टीकाकरण पूरा होने पर धात्री महिला को तीसरी किश्त के रूप में 2000 रुपये दिए जाते हैं। यह सभी भुगतान गर्भवती के बैंक खाते में ही किये जाते हैं।
वार्ता