तम्बाकू है घातक, दुष्परिणामों से कराना होगा अवगत

कूकड़ा ब्लॉक के एएनएमटीसी सभागार में कम्यूनिटी हैल्थ अफसर के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।;

Update: 2020-12-29 14:59 GMT

मुजप्फरनगर। राष्ट्रीय तम्बाकू नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई द्वारा कूकड़ा ब्लॉक के एएनएमटीसी सभागार में कम्यूनिटी हैल्थ अफसर के लिए एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में सहारनपुर से आये जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई के डिस्ट्रिक्ट कंसलटेंट मुदस्सर अली तथा साइकेट्रिक सोशल वर्कर (पीएसडब्ल्यू) डाॅ. मनोज कुमार ने प्रशिक्षण दिया।

मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. एसके अग्रवाल ने तम्बाकू के सेवन से होने वाले दुष्परिणामों के बारे में अवगत कराया। उन्होंने कहा कि तम्बाकू का सेवन पुरुषों के साथ-साथ महिलाओं द्वारा भी अधिक मात्रा में किया जाता है। यह स्वास्थ्य के लिए बहुत ही गंभीर है। उन्होंने कहा कि तम्बाकू का धुआं भी अपने घातक दुष्परिणाम छोड़ता है। उन्होंने बताया कि तंबाकू नियंत्रण कानून (कोटपा) 2003 के तहत सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान करने, खुलेआम तंबाकू से संबंधित सामग्री बेचने पर कार्रवाई किये जाने का प्रावधान है। इसके तहत 200 रुपए से 10,000 रुपए तक जुर्माना और पांच साल की कैद तक हो सकती है।


डिस्ट्रिक्ट कंसलटेंट मुदस्सर अली तथा जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई के पीएसडब्ल्यू डॉ. मनोज कुमार ने कहा कि जिले में सभी कम्युनिटी हैल्थ ऑफीसर को स्कूल, काॅलेज, सार्वजनिक स्थलों पर दीवार लेखन, स्लोगन के माध्यम से छात्र-छात्राओं, शिक्षक-शिक्षिकाओं व आम लोगों को तंबाकू सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में जागरूक करना होगा। उन्होंने कहा कि कोटपा अधिनियम 2003 की विभिन्न धाराओं के बारे में भी विस्तृत जानकारी देनी होगी। उन्होंने कहा कि जिले में कोरोना के कारण कक्षा संचालन बाधित है, ऐसे में दीवार लेखन तथा पोस्टर के माध्यम से जागरूक किया जाना अच्छा विकल्प है। कक्षा संचालन होने के उपरांत स्कूलों में जागरूकता कार्यशाला का आयोजन भी किया जायेगा, जिससे कि तम्बाकू के दुष्परिणामों से सभी को सावधान किया जा सके।


उन्होंने बताया कि कोटपा अधिनियम 2003 की धारा चार के अंतर्गत सभी सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान को प्रतिबंधित किया गया है। दोषी व्यक्ति पर 200 रुपए तक का जुर्माना किया जा सकता है। इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके प्रति जागरूक करना बहुत जरूरी है। कार्यशाला में जिला मानसिक स्वास्थ्य इकाई के पीएसडब्ल्यू डॉ. मनोज कुमार, मानसिक स्वास्थ्य इकाई के डिस्ट्रिक्ट कंसलटेंट मुदस्सर अली, कपिल आत्रेय आदि मौजूद रहे। 



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