दर्शकों की आखों में आँसू तो दिल मे दर्द दे गई फ़िल्म अटूट बंधन
देश - विदेश में कार्य रह रहे परिवार, पुलिस में कार्यरत जवान, बॉर्डर पर सेवा दे रहे जवान को जब आपने घर की याद आती हैं
मुज़फ़्फ़रनगर। देश में माया की नगरी मुंबई को कहाँ जाता हैं, लेकिन मॉलीवुड फ़िल्म इंडस्ट्री की पहचान पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड, पंजाब, मध्यप्रदेश में कम नही हैं। पाठकों को बताते चले कि बॉलीवुड फिल्मों के मुकाबले मॉलीवुड फिल्मों में ज्यादा रुचि देखने को मिल रही हैं।
देश - विदेश में कार्य रह रहे परिवार, पुलिस में कार्यरत जवान, बॉर्डर पर सेवा दे रहे जवान को जब आपने घर की याद आती हैं, तो वह मॉलीवुड इंडस्ट्री की फिल्में देखकर आपने सारे गमों और अपनों से दूर होने के एहसास को भूल जाते हैं। फ़िल्म को देखने के बाद एहसास भी करते हैं तथा ऐसा महसूस होता हैं कि हम अपनों के बीच मे रहकर कार्य कर रहे हैं।
अभिनेता प्रताप धामा व विकास बालियान की कई दर्जनों से अधिक फिल्में रिलीज हो चुकी हैं। जिन फिल्मों को लाखों , करोड़ो दर्शकों ने काफी सराहा हैं। इन फिल्मों ने बिछड़े परिवार को मिलाया हैं। पति - पत्नी के रिश्तों को मजबूत बनाया। आपने क्षेत्र के कल्चर, भाषा, बोलचाल, रहन सहन, परम्पराओ, आदर्शों, मूल्यक की फिर से याद दिलाई और सम्मान का महत्व भी सिखाया हैं।
एमडी म्यूजिक यूट्यूब चैनल पर नव वर्ष के उपलक्ष्य में रिलीज हुई फ़िल्म ' अटूट बंधन ' फ़िल्म में मुख्य भूमिका अभिनेता प्रताप सिंह धामा व पिता के दमदार किरदार में विकास बालियान रहे। अभिनेत्री दीपा के किरदार को ' गूँगी ' के रूप में दर्शाया हैं। फिल्म के प्रोडक्शन रतन जानू के पुत्र मयंक ने इस फिल्म में गोलू की भूमिका निभाई है। मयंक की अदाकारी लोगों को बहुत पसंद आई है, उसे भविष्य का स्टार बताया है। कई लोगों ने तो उसकी तुलना धाकड़ छोरा उत्तर कुमार से कमेंट बॉक्स में की है।
अभिनेता प्रताप धामा (दीपक) का अभिनय करते हुए अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। फिल्म में मामा की भूमिका में राजवीर सिंह डांगी ने अपनी अदाकारी से चार चांद लगाए हैं, तो नौरंग नाम से मशहूर राजेंद्र कश्यप भी एक दबे हुए पति के रूप में अपने रोल से न्याय करते नजर आए हैं। फिल्म में तेजस्वी तिवारी , सौम्या तोमर, शिवांग सिंह तोमर ने भी भूमिका निभाई है।
दीपक एक किसान का बेटा होता हैं। जिसकी माँ बचपन में मर जाती हैं। उसका एक भाई - बहन हैं। बहन बड़ी हैं, जिसकी शादी राजेंद्र के साथ की गई है। सबसे छोटा गोलू है।
यह परिवार गांव में ' लड़ाके ' के नाम से प्रसिद्ध है, किसी का कोई भी सामान लेकर उसे वापस नहीं करते इनसे सब को खाते हैं यह बात बेटा आपस में लड़ते भी रहते हैं।
दीपक का रिश्ता पिता विकास बालियान (शेर सिंह) गरीब घर में करते हैं। उस लड़की दीपा को भी माँ की ममता ना मिल सकी। दीपा गूँगी भी हैं। शेर सिंह दीपा को बिना किसी लोभ - लालच के आपने घर की बहू बना कर ले आते हैं। और उनका आंगन दीपा के घर मे पैर रखने से रोशन व महक उठता हैं। कुछ समय भाषा को समझने में लोहे के चने चबाने जैसा था। रिश्तेदार को खुश परिवार अच्छा नही लगा। उनके रिश्तों ने दरार पैदा करने की कोशिश की।
शेर सिंह की भूमिका में विकास बालियान ने बहुत शानदार अभिनय किया है इससे पूर्व उनकी ' अपने - पराए ' फिल्म की भूमिका भी दर्शकों ने बहुत सराही थी। वही ' चाचा - भतीजा ' में तो विकास बालियान अलग ही रूप में नजर आए थे, जिससे उनकी अलग-अलग रोल करने की क्षमता का भी एहसास हुआ
फ़िल्म ' अटूट बंधन ' शादी - विवाह में बेफजूल खर्च व देहज प्रथा को भी जड़ से उखाड़ फेंका, लालच में घर कैसे बर्बाद हो जाते हैं। तथा रिश्तों में कैसा प्यार होता हैं। समाज मे फैली कुरीतियों को खत्म करने के लिए सन्देश दिया। देवर - भाभी के रिश्ते की पाकीजगी को दिखाया गया है वही छोटा भाई जमीन बंट जाएगी यह सोचकर विवाह से दूर भागता है। हम तो पढ़ ना सके परंतु आने वाले बच्चे को पढ़ाएंगे। वह सीन बहुत मार्मिक है फ़िल्म को देखते ही देखते दर्शक अपनी आँखों से आंसू रोक नही पाते।
कमेंट बॉक्स में भी लोगो ने बताया कि प्रताप सिंह धामा व विकास बालियान जमीन से जुड़ी समस्याओं को लेकर फिल्मों को फिल्माते हैं।
फिल्मों के माध्यम से समाज हित के सन्देश छोड़ जाते हैं। यह फिल्म लोगों को बहुत पसंद आ रही है , एमडी म्यूजिक पर इस फिल्म को यूट्यूब के ऊपर देखा जा सकता है , फिल्म की स्टोरी अश्वनी राजपूत ने लिखी है, यह फिल्म वास्तव में बहुत अच्छी बनी है और कमाल की बात यह है कि एक भी दर्शक ने इस फ़िल्म को नापसंद नही किया।