बोले कारोबारी-शादी समारोह पर रोक से पहले रैली व सभाओं पर लगे रोक
कोरोना संक्रमण के नए वेरिएंट के विस्तार को रोकने के लिए शादी समारोह एवं अन्य खुशी के अवसरों पर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी
अलीगढ़। कोरोना संक्रमण के नए वेरिएंट के विस्तार को रोकने के लिए शादी समारोह एवं अन्य खुशी के अवसरों पर प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए जाने को लेकर व्यापारियों ने भारी आपत्ति जताते हुए कहा है कि सरकार पहले राजनीतिक रैलियों एवं जनसभाओं के ऊपर प्रतिबंध लगाए। इसके बाद ही कारोबार को लेकर कोई निर्णय लिया जाए। यह जगजाहिर है कि राजनीतिक रैलियों एवं जनसभाओं में बेशुमार भीड़ होती है। राजनैतिक रोड शो एवं वाहन रैलियों में भी शारीरिक दूरी का पालन नहीं होता है। जिसके चलते संक्रमण के विस्तार का खतरा हर समय बना रहता है।
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से प्रदेश में कोरोना के संक्रमण को रोकने के लिए नई गाइडलाइन जारी करने के साथ-साथ रात के 11.00 बजे से लेकर सवेरे 5.00 बजे तक नाइट कर्फ्यू का ऐलान करते हुए व्यवस्था को लागू भी कर दिया है। इसके अलावा शादी विवाह समारोह में शामिल होने वाले लोगों की संख्या भी निर्धारित कर दी गई है। जिसके चलते लोगों को अनेक आयोजन टालने पड़ रहे हैं। उधर अलीगढ़ टेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष प्रदीप गंगा ने कहा है कि सरकार आम जनमानस पर तो अपने प्रतिबंधात्मक आदेश जबरिया थोप रही है। जबकि राजनैतिक तौर पर जुटने वाली भीड़ को थामने के कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। आगामी 30 दिसंबर को अलीगढ़ में गृह मंत्री अमित शाह की जनसभा होने जा रही है। भाजपा के पदाधिकारियों, विधायकों, सांसद एवं एमएलसी समेत अन्य जनप्रतिनिधियों को भीड़ जुटाने के लक्ष्य दिए गए हैं। जनसभा में जुटने वाली भीड़ से क्या कोरोना वायरस का संक्रमण नहीं फैलने का? सरकार को पहले राजनीतिक आयोजन पर प्रतिबंध लगाने चाहिए। उसके बाद कारोबारियों के काम को रोकने की बाबत सोचना चाहिए। रात्रि कर्फ्यू से सरकार व्यापारियों के साथ साथ आमजन को डराने का काम ना करें। व्यापारी पहले से ही 2 साल से परेशान हैं।