पुलिस और प्रशासन की दो टूक- विवादित बयान जारी न करें नरसिंहानंद
यति नरसिंहानंद गिरि को विधिवत नोटिस जारी करते हुए कहा गया है कि वह किसी भी संबंध में विवादित बयान जारी नहीं करें
गाजियाबाद। पुलिस और प्रशासन की ओर से यति नरसिंहानंद गिरि को विधिवत नोटिस जारी करते हुए कहा गया है कि वह किसी भी संबंध में विवादित बयान जारी नहीं करें। अन्यथा उनके खिलाफ कड़ी कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। पुलिस और प्रशासन ने उन्हे आगामी 17 जून को दिल्ली की जामा मस्जिद पर उनके प्रस्तावित कार्यक्रम को निरस्त करने की हिदायत दी है।
मंगलवार को गाजियाबाद के पुलिस और प्रशासन की ओर से यति नरसिंहानंद गिरि को एक नोटिस जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि आपके द्वारा जारी की गई प्रेस विज्ञप्ति एवं विडियो में आपने भारतवर्ष के नेताओं और सनातन के धर्मगुरुओं के लिए डूबकर मर जाने की बात कही है। आपने कहा है कि पूरी दुनिया के मुसलमान हिंदुओं पर उन्ही की किताबों में लिखी बातों को बोलने पर सर तन से जुदा करने का फतवा देते हैं । मुसलमानों ने जनसंख्या विस्फोट करके वस्तुतः इस देश पर कब्जा कर लिया है। अब हिंदुओं की स्थिति इस देश में बहुत खराब हो चुकी है। मुसलमान खुलेआम हमारे देवी देवताओं के मठ मंदिर तोड़ते हैं। हमारी आस्था पर हर तरह से प्रहार करते हैं परंतु हमारे लिए ना तो कोई बोलने वाला है और ना ही कोई आवाज उठाने वाला है।
यह तो एक तरह से इस्लामिक गुलामी हम पर थोप दी गई है। कोई इसके विरुद्ध आवाज उठाए या ना उठाए पर लेकिन मैं श्रीपंचदशनाम जूना अखाड़े का महामंडलेश्वर यति नरसिंहानंद गिरी इस अन्याय और अत्याचार को सहन नहीं करूंगा। मैं कुरआन और इस्लामिक इतिहास की किताबे लेकर शुक्रवार 17 जून 2022 को दिल्ली की जामा मस्जिद जाऊंगा ताकि वहां पर उपस्थित लाखो मुसलमानों को बता सकूं कि जो आज मोहम्मद और इस्लाम के बारे में बोला जा रहा है , वो सब उनकी अपनी किताबों में ही लिखा हुआ है। मैं जामा मस्जिद बिलकुल अकेला जाऊंगा ताकि इस्लामिक जिहाद से डरे और बिके हुए नेताओं को मुझ पर और मेरे साथियों पर कोई झूठा मुकदमा लगाने का मौका ना मिल सके।
आपने लिखा है कि शुक्रवार 17 जून 2022 को सारी दुनिया के सामने दूध का दूध और पानी का पानी हो जायेगा। नोटिस में लिखा है कि आपके द्वारा यह भी कहा गया कि हो सकता है कि जामा मस्जिद में इकट्ठा हुए लोग अपनी ही किताबो से डरकर मेरी हत्या कर दे। पर अब मुझे ये खतरा लेना ही पड़ेगा वरना इस देश में हिंदुओं की आजादी समय से पहले ही छीन जायेगी।
पुलिस और प्रशासन ने नोटिस में कहा है कि आपके उक्त व्यक्तव्य से विभिन्न समुदायों के बीच में वैमनष्यता, ईर्ष्या - द्वेष फैलने की संभावना है। इसलिये आपसे अनुरोध है कि इस प्रकार के व्यक्तव्य जारी न करें अन्यथा की स्थिति में वैधानिक कार्यवाही की जाएगी, जिसके लिए आप महानुभाव स्वयं जिम्मेदार होंगे। नोटिस में यह भी अवगत कराया गया है कि आपके 17 जून 2022 को जामा मस्जिद पर कुरान और इस्लामिक इतिहास की किताबों के साथ जाने के प्रस्तावित कार्यक्रम से शान्ति व्यवस्था भंग हो सकती है। लिहाजा आप अपने उक्त प्रस्तावित कार्यक्रम को निरस्त कर दें।