बोले मंत्री सक्सेना पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ- वानिकी नववर्ष का शुभारम्भ
उन्होंने आशा व्यक्त की प्रदेश में प्रथम बार किया गया यह प्रयास आगामी वर्षों में भी निरन्तरता बनाए रखेगा।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यावरण, वन, जन्तु उद्यान एवं जलवायु परिवर्तन, राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), डॉ0 अरूण कुमार सक्सेना प्लूटो हॉल, इन्दिरा गॉधी प्रतिष्ठान, में वानिकी नव वर्ष का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर उन्होंने वृक्षारोपण जन अभियान वर्ष 2023 पर आधारित कॉफी टेबल बुक, विभिन्न वानिकी कार्यों के सम्बन्ध में एक्टिविटी बुक, वन दर्शन एवं गोरखपुर दक्षिणी खीरी, बिजनौर, गोण्डा तथा बहराइच वन प्रभागों का सिल्वीकल्चर प्लॉन ऑफ आपरेशन का विमोचन भी किया। साथ ही उन्होंने विभिन्न विभागों व संगठनों द्वारा प्रदर्शित प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
वन मंत्री ने वानिकी नव वर्ष के शुभारम्भ के अवसर पर लखनऊ में राज्य स्तरीय समारोह एवं प्रत्येक जनपद में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाने पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि वानिकी कार्याे के समयबद्ध क्रियान्वयन हेतु योजना तैयार करने एवं समयबद्ध रूप से पूर्ण करने की दिशा में एक अभिनव प्रयास है। उन्होंने आशा व्यक्त की प्रदेश में प्रथम बार किया गया यह प्रयास आगामी वर्षों में भी निरन्तरता बनाए रखेगा।
डॉ0 सक्सेना ने कहा कि वानिकी कार्य यथा-बीज एकत्रीकरण, पौधषाला में पौध उगान, अग्रिम मृदा कार्य, वृक्षारोपण हेतु स्थानीय स्तर पर योजना तैयार करना, वृक्षारोपण, वृक्षों का वैज्ञानिक विदोहन जैसी गतिविधियॉं तकनीकी व समयबद्ध कार्य हैं। इसके साथ ही हरित आवरण में वृद्धि हेतु वानिकी कार्यों विशेषकर वृक्षारोपण, मानव वन्यजीव संघर्श न्यून करने एवं वन प्रबन्ध में व्यापक स्तर पर जन सहयोग व जन सहभागिता आवश्यक है। उन्होंने अन्तर्विभागीय समन्वय, प्रत्येक स्तर पर योजना तैयार कर समयबद्ध रूप से क्रियान्वयन व गहन समीक्षा तथा वृक्षारोपण जन अभियान-2023 के अन्तर्गत कृषकों, युवाओं, महिलाओं, विद्यार्थियों सहित समाज के समस्त वर्गों की व्यापक सहभागिता से 35 करोड़ पौध रोपण के लक्ष्य के सापेक्ष 36 करोड़ से अधिक पौध रोपित किये जाने हेतु विभाग को बधाई देते हुए कार्याे की सराहना की। उन्होंने कहा कि महिलाओं ने आगे बढ़ चढ़ कर शक्ति वन लगाये है वह प्रशंसा की प्रात्र हैं। उन्होंने कहा कि पौधों की निगरानी बहुत जरूरी है।
इस असवसर पर वन एवं वन्यजीव विभाग के लोगो का सर्वश्रेष्ठ डिजाइन तैयार करने हेतु पी0पी0सिंह0 अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक/ मुख्य वन संरक्षक, प्रचार- प्रसार को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त वृक्षारोपण जन अभियान, 2023 की मिशन टीम का सम्मान, पेड़ लगाओ, पेड़ बचाओ जन अभियान, 2024 के मिशन टीम व खेलकूद प्रतियोगिता हेतु चीफ डि मिशन एवं नोडल अधिकारी की घोषणा की गई। इसके बैटन व शील्ड हस्तान्तरित की गई। इस अवसर पर वृक्षारोपण जन अभियान, 2024 हेतु पी.एम.एस.एवं एन.एम.एस. साईट लॉन्च की गई।
प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, सुधीर कुमार शर्मा ने कहा कि वनों के वैज्ञानिक प्रबन्ध का उत्तर प्रदेश का गौरवशाली इतिहास है। वन रेंजरों को प्रशिक्षित करने हेतु वर्ष 1878 में देहरादून में देश के प्रथम वानिकी विद्यालय की स्थापना हुई। वर्ष 1860 में मण्डल आयुक्त पदेन वन संरक्षक के रूप में नियुक्त हुये। मेजर रैम्जे तत्कालीन आयुक्त कुमायॅंू मण्डल ने वन संरक्षक के रूप में वर्ष 1855 से 1861 तक रेलवे स्लीपर के लिए हुए साल वनों के अन्धाधुन्ध कटान पर तत्काल रोक लगाई गई। प्रधान मुख्य वन संरक्षक और विभागाध्यक्ष, सुधीर कुमार शमा ने कहा कि वनों की दस वर्षीय कार्ययोजना के प्राविधानों के आधार पर तैयार की गई वार्षिक कार्ययोजना व सिल्वीकल्चरल प्लॉन ऑफ ऑपरेशन के अनुसार कार्ययोजनाओं में दिये प्राविधानों का क्रियान्वयन वर्षाकाल के उपरान्त एक अक्टूबर से प्रारम्भ होकर 30 सितम्बर तक किया जाता है।
इस अवसर पर सचिव, पर्यावरण आशीष तिवारी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक, वन्यजीव, अंजनी कुमार आचार्य, महाप्रबन्धक, उत्पादन, संजय कुमार, अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक, प्रोजेक्ट टाइगर सुनील चौधरी, प्रबंध निदेशक वन निगम अनुपम गुप्ता सहित प्रदेश भर के वनाधिकारी उपस्थित थे।