मिनिस्टर संजय ने मत्स्य पालकों को सौंपे दुर्घटना बीमा प्रमाण पत्र

उन्होंने कहा कि मत्स्य पालक सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लें।

Update: 2022-11-21 13:54 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मत्स्य विभाग द्वारा विश्व मात्स्यिकी दिवस के अवसर पर आज यहां राष्ट्रीय मत्स्य आनुवंशिक संसाधन ब्यूरो, तेलीबाग, लखनऊ में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजनान्तर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण/कार्यशाला/विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के शुभारम्भ के साथ ही मत्स्य विकास मंत्री डा0 संजय कुमार निषाद द्वारा प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया, जिसमें मात्स्यिकी के क्षेत्र में कार्य करने वाली विभिन्न कम्पनियों द्वारा लगाई गई स्टाल यथा मत्स्य पूरक आहार, आर0ए0एस0, बायोफ्लाक, ऐरेटर, मत्स्य पालन में उपयोग होने वाली दवाईयां, जाल आदि का प्रदर्शन किया गया।

इस अवसर पर मत्स्य मंत्री ने कहा कि मात्स्यिकी क्षेत्र के विकास से न सिर्फ राजस्व की बढ़ोत्तरी होगी बल्कि रोजगार के अधिक से अधिक अवसर सृजित होंगे। उन्होंने कहा कि मत्स्य तकनीक के क्षेत्र में हो रहे अभिनय प्रयोगों को अपनाया जाए। अगले दो वर्षों में प्रदेश को मत्स्य उत्पादन में आत्मनिर्भर बनाया जाना लक्ष्य है। उन्होंने मत्स्य व्यवसाय से जुड़कर स्वरोजगार के अवसर प्राप्त करने एवं आर्थिक उन्नति हेतु लोगों से अपील की। उन्होंने कहा कि मत्स्य पालक सरकार द्वारा संचालित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लें।

डा0 संजय कुमार निषाद ने बताया कि मत्स्य पालन को अब तकनीकी रूप से किये जाने की आवश्यकता है अतः मत्स्य पालक एन0बी0एफ0जी0आर0, संस्थान के वैज्ञानिकों से समन्वय स्थापित कर तकनीकी रूप से मत्स्य पालन करें तथा मछलियों के आधार कार्ड जिसे फिश टैगिंग कहा जाता है कि भी जानकारी प्राप्त करें। अब तक प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना में अनुदान लेने हेतु वित्तीय वर्ष 2022-23 हेतु लगभग 75 हजार आवेदकों द्वारा आवेदन किया गया है। उन्होंने कहा कि मछुआ विकास के क्षेत्र में मुख्यमंत्री मत्स्य संपदा योजना तथा निषादराज बोट योजना मील का पत्थर साबित होगीं।

कार्यक्रम में मत्स्य व्यवसाय से जुुड़े 30 मत्स्य पालकों/उद्यमियों को मत्स्य विकास के क्षेत्र में सराहनीय योगदान हेतु प्रशस्ति पत्र एवं शॉल देकर सम्मानित किया गया। मंत्री जी द्वारा 40 मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड एवं 110 मत्स्य पालकों को मछुआ दुर्घटना बीमा प्रमाण-पत्र भी वितरित किया गया। प्रदर्शनी में लगी तीन सबसे अच्छी स्टाल एस0आर0 विज्ञान को प्रथम पुरस्कार, आर0एस0 पालिमर को द्वितीय पुरस्कार तथा मेहरोत्रा एक्वेरियम को तृतीय पुरस्कार दिया गया।

कार्यक्रम में जनपद लखनऊ, रायबरेली, लखीमपुर खीरी, उन्नाव, हरदोई, कानपुर देहात, इटावा, औरैया, अम्बेडकर नगर, अमेठी एवं सुल्तानपुर के मत्स्य व्यवसाय से जुड़े हुए लगभग 600 मत्स्य पालकों/उद्यमियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। कार्यक्रम स्थल पर मात्स्यिकी से सम्बन्धित 18 स्टॉल लगाये गये जिसमें मुख्यतः मत्स्य पूरक आहार, बायोफ्लाक, एक्वेरियम, नौका आदि से सम्बन्धित प्रमुख कम्पनियों ने प्रतिभाग किया जिसका उपस्थित मत्स्य पालकों ने अवलोकन करते हुए आर0ए0एस0 एवं बायोफ्लाक के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त की।कार्यक्रम में वीरू साहनी, सभापति, उ0प्र0 मत्स्य जीवी सहकारी संघ लि0 एवं रमाकान्त निषाद, अध्यक्ष, उ0प्र0 मत्स्य विकास निगम लि0 द्वारा भी मत्स्य विकास संबंधी विचार व्यक्त किये गये।

कार्यशाला में डा0 रजनीश दुबे, अपर मुख्य सचिव, मत्स्य विकास विभाग द्वारा सभी मत्स्य पालकों को विश्व मात्स्यिकी दिवस की बधाई दी गयी तथा मत्स्य पालन में तकनीकी रूप से कार्य करने के प्रेरित किया तथा प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना में विभिन्न परियोजनाओं में लाभ लेने हेतु अपील की गई।

मत्स्य विभाग के निदेशक प्रशान्त शर्मा द्वारा विभागीय योजनाओं की जानकारी दी गयी तथा इन्फ्रास्ट्रक्चर परियोजनाओं में उद्यमी के तरीके से कार्य करने के लिए मत्स्य पालकों को प्रेरित किया। साथ ही साथ मुख्यमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना, निषादराज बोटयोजना, मछुआ कल्याण फण्ड, मछुआ दुर्घटना बीमा योजना, किसान क्रेडिट कार्ड आदि अन्य योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी गई।

निदेशक एन0बी0एफ0जी0आर0 एवं प्रोफेसर डा0 सिराजुद्दीन विभागाध्यक्ष जन्तु विज्ञान विभाग, लखनऊ विश्वविद्यालय द्वारा मत्स्य पालन से सम्बन्धित तकनीकी जानकारी दी गयी। मोनिषा सिंह, प्रबन्ध निदेशक, उ0प्र0 मत्स्य जीवी सहकारी संघ लि0, विजय शंकर चौरसिया, उप निदेशक मत्स्य, एजाज अहमद नकवी, मुख्य महाप्रबन्धक, उ0प्र0 मत्स्य विकास निगम लि0 एवं एन0बी0एफ0जी0आर0 के वैज्ञानिक डा0 राघवेन्द्र एवं अन्य वैज्ञानिकों द्वारा भी तकनीकी जानकारी दी गई।

एन0एस0 रहमानी, संयुक्त निदेशक मत्स्य एवं पुनीत कुमार, उप निदेशक मत्स्य द्वारा मत्स्य विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना के अन्तर्गत संचालित परियोजनाओं यथा निजी भूमि तालाब निर्माण, बैकयार्ड आर0ए0एस0, इन्सूलेटेड वैन, मोटरसाइकिल विद आइसबाक्स, साइकिल विद आइसबाक्स आदि के बारे में विस्तृत जानकारी दी गयी।

कार्यक्रम के अन्त में प्रशान्त शर्मा, निदेशक मत्स्य तथा एन0एस0 रहमानी संयुक्त निदेशक मत्स्य द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित होने के लिए मंत्री जी एवं अन्य सभी अधिकारियों, अतिथियों तथा मत्स्य व्यवसाय से जुड़े मत्स्य पालकों/उद्यमियों के प्रति आभार व्यक्त किया गया।

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