लाॅक डाउन का मतलब टोटल लाॅक डाउन है : सीएम

रमजान का महीना प्रारम्भ हो रहा है विशेष सावधानी बरती जाए यह सुनिश्चित किया जाए कि सहरी व इफ्तार के समय भीड़ एकत्र न होने पाए।

Update: 2020-04-22 13:05 GMT

लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लाॅक डाउन का मतलब टोटल लाॅक डाउन है। इसलिए लाॅक डाउन का सख्ती से शत-प्रतिशत पालन सुनिश्चित कराया जाए। लाॅक डाउन का उल्लंघन अथवा दुरुपयोग करने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाए। उन्होंने समस्त गतिविधियों में प्रत्येक दशा में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लाॅक डाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने निर्देश दिए कि लाॅक डाउन अवधि में आवश्यक सामग्री की सुचारु आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए। किसी को भी सप्लाई चेन व्यवस्था के दुरुपयोग की अनुमति नहीं है। उन्होंने कहा कि सप्लाई चेन में लगे लोगों की भी मेडिकल जांच होनी चाहिए। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को संस्थाओं द्वारा कम्युनिटी किचन में उपलब्ध कराये जा रहे भोजन की जांच के निर्देश भी दिए। टेस्टिंग क्षमता को तेजी से बढ़ाये जाने पर बल देते हुए मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्रत्येक मण्डल मुख्यालय पर एक टेस्टिंग लैब स्थापित की जाए जिससे अधिक संख्या में टेस्टिंग सम्भव हो सके। अलीगढ़, सहारनपुर तथा मुरादाबाद संक्रमण की दृष्टि से संवेदनशील हैं। इसलिए इनके मण्डलीय चिकित्सालय में टेस्टिंग लैब स्थापित की जाए। जांच कार्य में तेजी लाने के लिए अधिक से अधिक मेडिकल टेक्नीशियनों की ट्रेनिंग कराई जाए। जांच प्रयोगशालाओं के उपकरणों को दुरुस्त रखा जाए। बैठक में मुख्यमंत्री जी को अवगत कराया गया कि अभी तक संक्रमण प्रभावित 10 जनपद कोरोना मुक्त हो चुके हैं। 22 जिले पहले से ही कोरोना मुक्त हैं। इस प्रकार वर्तमान में प्रदेश के कुल 32 जनपद कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हैं। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि कोरोना संक्रमण से मुक्त जनपदों में भी पूरी सतर्कता एवं सभी सावधानियां बरतना आवश्यक है। यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी दशा में सुरक्षा चक्र टूटने न पाये।

मुख्यमंत्री  ने सभी पेन्डिंग सेम्पल की शीघ्र जांच कराने तथा संक्रमण से सुरक्षा सम्बन्धी मानकों व दिशा-निर्देशों का पालन न कर मेडिकल इन्फेक्शन फैलाने वाले निजी चिकित्सालयों को सील कर कार्यवाही करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों तथा मेडिकल काॅलेजों द्वारा संक्रमण से सुरक्षा के लिए अपनायी जा रही व्यवस्था का पर्यवेक्षण प्रदेश सरकार के एक मेडिकल आॅफिसर द्वारा किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मेडिकल इन्फेक्शन से बचाव के लिए विशेष सावधानी बरतना आवश्यक है। मुख्यमंत्री  ने निर्देश दिए कि प्रत्येक आइसोलेशन बेड पर रोगी के लिए ऑक्सीजन की व्यवस्था अनिवार्य रूप से होने चाहिए। प्रत्येक 10 बेड पर वेंटिलेटर  की सुविधा उपलब्ध होनी चाहिए। एल-1, एल-2 तथा एल-3 श्रेणी के अस्पतालों में चिकित्सा उपकरणों व अन्य संसाधनों की व्यवस्था तथा टेस्टिंग लैब की स्थापना के उद्देश्य से प्रदेश सरकार द्वारा 'मुख्यमंत्री का पीड़ित सहायता कोष-कोविड केयर फण्ड' बनाया गया है। फण्ड में उपलब्ध धनराशि से चिकित्सा उपकरण आदि की व्यवस्था प्राथमिकता पर सुनिश्चित की जाए।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि भारत सरकार के दिशा-निर्देशों तथा शासन के नियमों का पालन करते हुए कोरोना से अप्रभावित जनपदों में औद्योगिक इकाइयों का संचालन कराया जाए। परियोजनाओं के उपयोगार्थ विभिन्न प्रकार की निर्माण सामग्री के आवागमन की अनुमति दी जाए। इसके तहत भट्ठों से ईंट तथा बालू, मोरंग तथा सरिया को अनुमति दी जाए। निर्यातपरक इकाइयों से निर्यात हेतु कन्टेनर के माध्यम से इनके उत्पाद का आवागमन भी मंजूर किया जाए। विभिन्न राज्यों से प्रदेश में वापस आए श्रमिकों का सर्वे कराते हुए उन्हें रोजगार सुलभ कराने की प्रभावी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए।

अधिकारियों द्वारा मुख्यमंत्री  को अवगत कराया गया कि प्रदेश में 12 हजार्र इंट भट्ठों में 12 से 15 लाख श्रमिक कार्यरत हैं। 07 हजार औद्योगिक इकाइयों में लगभग 1.25 लाख लोग काम कर रहे हैं। 119 चीनी मिलों में लगभग 60 हजार मजदूरों को काम मिला है। मनरेगा के श्रमिकों को कार्य मिला है।लम्बे समय के बाद पहली बार गन्ना व गेहंू की कटाई में श्रमिकों की उपलब्धता के सम्बन्ध में कोई दिक्कत नहीं है।

मुख्यमंत्री  ने खाद्यान्न वितरण की प्रगति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि किसी भी व्यक्ति को खाद्यान्न का अभाव न हो।

मुख्यमंत्री  को अवगत कराया गया कि 3.5 करोड़ राशन कार्ड के सापेक्ष अब तक 3.06 करोड़ राशन कार्ड पर खाद्यान्न वितरित हो गया है। साथ ही, 2.5 लाख नये राशन कार्ड बनाते हुए खाद्यान्न उपलब्ध कराया गया। मुख्यमंत्री जी ने रबी फसल की कटाई तथा गेहूं खरीद की समीक्षा की। उन्होंने निर्देश दिए कि किसानों को अपनी उपज के विक्रय में कोई असुविधा न हो। सुनिश्चित किया जाए कि किसानों को उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य प्राप्त हो।

प्रमुख सचिव कृषि ने मुख्यमंत्री  को अवगत कराया कि अब तक 77 प्रतिशत फसल की कटाई हो गयी है। अब तक     क्रय केन्द्रों के माध्यम से 30 लाख कुन्टल से अधिक गेहूं की खरीद हो चुकी है। इसमें से लगभग 62 प्रतिशत खरीददारी किसानों के डोर स्टेप पर हुई है। ऐसा प्रदेश में पहली बार हुआ है। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लाॅक डाउन के कारण अन्य राज्यों के प्रदेश में फंसे लोगों को यदि उनके गृह राज्य की सरकार वापस बुलाने का निर्णय लेगी तो प्रदेश सरकार इसकी अनुमति प्रदान करते हुए ऐसे लोगों को वापस भेजने में सहयोग प्रदान करेगी।


उन्होंने कहा कि रमजान का महीना प्रारम्भ हो रहा है। इस अवधि में विशेष सावधानी बरती जाए। यह सुनिश्चित किया जाए कि सहरी व इफ्तार के समय किसी भी प्रकार से भीड़ एकत्र न होने पाए। मुख्यमंत्री  ने कहा कि शेल्टर होम्स से घर भेजे गए लोगों तथा कोटा से प्रदेश वापस लौटे बच्चों को होम क्वारंटीन का पालन करने के लिए मुख्यमंत्री हेल्पलाइन '1076' के माध्यम से अवगत कराया जाए। उन्होंने बताया कि एक दिन वे स्वयं कोटा से प्रदेश वापस आए बच्चों से बात कर इनकी कुशलक्षेम प्राप्त करेंगे। उन्होंने सचिवालय कर्मियों को एक-एक छोटा सेनिटाइजर उपलब्ध कराने के निर्देश भी दिए।


इस अवसर पर मुख्य सचिव  आर के तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त  आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त  आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त  संजीव कुमार मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व  रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक  हितेश सी0 अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ0 रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य  अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री  एस0पी0 गोयल एवं  संजय प्रसाद, प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास  आलोक कुमार, प्रमुख सचिव एमएसएमई  नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव कृषि डाॅ देवेश चतुर्वेदी, सूचना निदेशक  शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

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