लेखपाल जेब में घूंस रहा था ठूंस-पड़ गया छापा-कर लिया रंगे हाथ गिरफ्तार
कोरोना टीकाकरण के मामले में घनी आबादी वाला उत्तर प्रदेश पूरे देश में अव्वल बना हुआ है।
मुजफ्फरनगर। जनपद के लेखपाल घूंस लेने के मामले में एक दूसरे से आगे निकलने के प्रयासों में लगे हुए हैं। सदर तहसील क्षेत्र के पीनना गांव में किसान से रिश्वत लेने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि चकबंदी विभाग का लेखपाल एंटी करप्शन टीम के हाथों ली गई रिश्वत को जेब में ठूंसते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। एंटी करप्शन की टीम घूंसखोर लेखपाल को पकड़कर अपने साथ ले गई ।
गांव में चल रही चकबंदी के लिए किसान ने जब लेखपाल के आगे अपनी जमीन एक जगह किए जाने की गुहार लगाई तो रिश्वतखोर लेखपाल ने उससे घूंस की डिमांड रख दी। काफी जद्दोजहद के बाद लेखपाल को 20000 रूपये देना तय हुआ, लेकिन किसान को चकबंदी लेखपाल की तनख्वाह पाने के बावजूद काम करने की एवज में घूंसखोरी लेना पसंद नहीं आया, जिसके चलते किसान ने एंटी करप्शन विभाग की टीम को चकबंदी लेखपाल की करतूत की जानकारी दे दी। एंटी करप्शन की टीम ने सारा मामला जानने के बाद किसान को केमिकल लगाकर 20000 रूपये की नगदी थमा दी और उसे रिश्वतखोर लेखपाल को देने के लिए भेज दिया। निर्धारित किए गए स्थान के मुताबिक किसान जब शहर कोतवाली क्षेत्र के रेलवे रोड पर स्थित साई धाम के समीप पहुंचा तो पहले से जाल बिछाए बैठी एंटी करप्शन की टीम ने किसान से 20000 रूपये की रिश्वत लेकर जेल में ठूंस रहे लेखपाल को दबोच लिया। एंटी करप्शन की टीम के साथ जिला कृषि अधिकारी जसवीर तेवतिया और तहसीलदार सदर अभिषेक शाही भी मौजूद रहे। चकबंदी लेखपाल को रंगे हाथों गिरफ्तार करने के बाद एंटी करप्शन की टीम उसे सिविल लाइन थाने ले गई और पुलिस के हाथों सौंप दिया। गौरतलब है कि बीते दिनों ही सदर तहसील क्षेत्र के गांव पीनना में भी एक लेखपाल किसान से 500 रूपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ धरा गया था। आज हुए मामले को देखकर अब ऐसा प्रतीत हो रहा है कि जनपद के लेखपाल तनख्वाह के साथ-साथ रिश्वतखोरी को भी अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझने लगे हैं।