रमजान में आवश्यक सामग्री की सुचारु उपलब्धता सुनिश्चित की जाएं : मुख्यमंत्री

मुख्यमंत्री ने आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन तथा इनकी डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था पर संतोष व्यक्त करते हुए इसे और बेहतर बनाने के निर्देश दिए।;

Update: 2020-04-17 12:33 GMT

लखनऊ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ  ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रत्येक दशा में यह सुनिश्चित किया जाए कि प्रदेश में कोई भूखा न रहे। कोविड-19 के संक्रमण से उत्पन्न विशेष परिस्थितियों में गरीबों को राहत पहुंचाने के लिए प्रदेश में आगामी 30 जूनए 2020 तक सार्वजनिक वितरण प्रणाली का सार्वभौमिकरण Universalisation of PDS किया जाए। इसके तहत यह सुनिश्चित किया जाए कि ग्रामीण और शहरी इलाकों में प्रत्येक जरूरतमंद को राशन अवश्य मिले, भले ही उसके पास राशन कार्ड अथवा आधार कार्ड न हो। घुमन्तू समुदायों के लोगों को भी खाद्यान्न उपलब्ध कराया जाए।

मुख्यमंत्री  आज यहां लोक भवन में आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में लाॅक डाउन व्यवस्था की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कम्युनिटी किचेन, डोर स्टेप डिलीवरी तथा खाद्यान्न वितरण की अद्यतन स्थिति की जानकारी प्राप्त की।


मुख्यमंत्री  ने आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई चेन तथा इनकी डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था पर संतोष व्यक्त करते हुए इसे और बेहतर बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि रमजान के महीने में आवश्यक सामग्री की सुचारु उपलब्धता के लिए सभी आवश्यक प्रबन्ध सुनिश्चित किए जाएं।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि लाॅक डाउन अवधि में प्रदेश सरकार द्वारा व्यापक स्तर पर कम्युनिटी किचेन और शेल्टर होम सफलतापूर्वक संचालित किए जा रहे हैं। कम्युनिटी किचेन और शेल्टर होम संचालन की यह उत्तम व्यवस्था आने वाले समय में भी इसी प्रकार जारी रखी जाए। उन्होंने कहा कि कालाबाजारी, जमाखोरी, मुनाफाखोरी तथा घटतौली के विरुद्ध कार्रवाई निरन्तर जारी रखी जाए। मुख्यमंत्री  ने निर्देश दिए कि 14 दिन की संस्थागत क्वारंटीन अवधि पूरी करने के बाद शेल्टर होम से होम क्वारंटीन के लिए घर जाने वाले लोगों के स्वास्थ्य की अनिवार्य रूप से जांच की जाए। साथ ही, होम क्वारंटीन के लिए भेजते समय पात्र व्यक्तियों को खाद्यान्न पैकेट भी उपलब्ध कराया जाए।

मुख्यमंत्री  ने कहा कि अस्पतालों में एन-95 मास्क, पीपीई सहित संक्रमण से सुरक्षा के सभी उपकरण पर्याप्त मात्रा में अनिवार्य रूप से उपलब्ध रहें। यह सुनिश्चित किया जाए कि यह उपकरण निर्धारित मानक एवं गुणवत्ता के अनुरूप हों। उत्तर प्रदेश कोविड केयर फण्ड तथा एनएचएम में उपलब्ध धनराशि से पीपीई क्रय किए जाएं। उन्होंने बायोसेफ्टी टेस्टिंग लैब्स की संख्या में वृद्धि के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों के शिक्षण संस्थानों में विदेशी तथा अन्य राज्यों के छात्र-छात्राएं अध्ययनरत हैं। इन विद्यार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रत्येक सम्बन्धित जनपद हेतु एक नोडल अधिकारी नामित किया जाए। उन्होंने अन्य राज्यों में रह रहे उत्तर प्रदेश वासियों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रदेश सरकार द्वारा नामित नोडल अधिकारियों को सम्बन्धित राज्य में निवासित उत्तर प्रदेश वासियों की समस्याओं का निरन्तर अनुश्रवण कर दिक्कतों को दूर कराने के निर्देश दिए। ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में नाला सफाई, मार्ग निर्माण आदि परियोजनाओं की टेण्डर सहित विभिन्न प्रक्रियाएं ऑनलाइन प्रारम्भ की जाएं, जिससे लाॅकडाउन के तत्काल बाद कार्य प्रारम्भ हो सके। उन्होंने कहा कि निराश्रित व्यक्ति की मृत्यु होने पर शासन द्वारा अनुमन्य राशि से दिवंगत का अन्तिम संस्कार कराया जाए।

इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री  जय प्रताप सिंह, मुख्य सचिव  आरके तिवारी, कृषि उत्पादन आयुक्त  आलोक सिन्हा, अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त  आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव सूचना एवं गृह  अवनीश कुमार अवस्थी, अपर मुख्य सचिव वित्त  संजीव कुमार मित्तल, अपर मुख्य सचिव राजस्व   रेणुका कुमार, पुलिस महानिदेशक  हितेश चंद्र अवस्थी, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा डाॅ रजनीश  दुबे, प्रमुख सचिव स्वास्थ्य  अमित मोहन प्रसाद, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री  एसपी  गोयल एवं संजय प्रसाद, सूचना निदेशक  शिशिर सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। 

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