कोरोना गाइडलाइंस का करे पालन और बंद जगहों पर दें कुर्बानी: शहर काजी
कुर्बानी इस्लाम की निशानी और सुन्नत ए इब्राहीमी होने के साथ साथ सुन्नते मुहम्मदी भी है।;
औरैया। उत्तर प्रदेश में औरैया के काजी ए शहर सैयद गुलाम अब्दुस्समद चिश्ती ने अपील करते हुए मुसलमान भाईयों से कहा है कि ईदुलजुहा (बकरीद) का त्योहार कोरोना गाइड लाइन का पालन करते हुए मनायें और ईद की खुशी के मौके पर गरीबो का भी खास खयाल रखें।
काजी ए शहर सैयद गुलाम अब्दुस्समद चिश्ती ने कुर्बानी की फजीलत व अहमियत बताते हुए कहा कि कुर्बानी इस्लाम की निशानी और सुन्नत ए इब्राहीमी होने के साथ साथ सुन्नते मुहम्मदी भी है। इसीलिए ये कुर्बानी अल्लाह तआला के यहां बहुत महत्व रखती है। कुर्बानी के दिनों में प्रसन्नता पूर्वक कुर्बानी करने और कुर्बानी के लिए रुपए खर्च करने से ज्यादा कोई भी चीज अल्लाह तआला के यहां प्रिय और पसंद नहीं है। कुर्बानी कयामत के दिन नरक में जाने से बचाएगी। इस के साथ-साथ उन्होंने ये भी बताया कि कुर्बानी का जानवर कयामत के दिन अपने बाल, सींगों और खुरों के साथ आकर पुल सिरात को पार कराने में मदद करेगा, इतना ही नहीं कुर्बानी के जानवर के हर बाल के बदले नेकी लिखी जाती है, इसलिए हर उस शख्स (स्त्री व पुरुष) पर जो मुसलमान, मुकीम (स्थाई निवासी), बालिग, आजाद होने के साथ-साथ मालिक ए निसाब (धनवान) भी हो उस पर कुरबानी वाजिब है। अपने में उन्होंने कहा कि अगर ऐसा शख्स कुर्बानी नहीं करता है तो हदीस में ऐसे शख्स के लिए कहा गया है कि वोह ईदगाह के करीब ना आए । उन्होंने अपील करते हुए कहा कि हर उस शख्स को इस इबादत को अदा करना चाहिए जिसमें उपरोक्त सभी शर्तें पाई जाती हों ताकि वह अल्लाह व रसूल की नाराजगी से बचते हुए उन की रजामंदी हासिल करे।
उन्होंने कहा कि सड़कों, आम रास्तों और मैदानों में कुर्बानी ना करें बल्कि आड़ वाली जगह या चहार दीवारी में करें, लोगों की भीड़ भाड़ बिल्कुल इकट्ठा ना होने दें 1 सामूहिक कुर्बानी ना करें। जानवर की कुर्बानी करने के तुरंत बाद उसके मलवे को बस्ती से दूर किसी उचित स्थान पर गड्ढा खोद कर दफन कर दें और कुर्बानी वाली जगह की तुरंत साफ सफाई कराएं। इस बात का मुख्य खयाल रखें कि कुर्बानी से संबंधित कोई भी फोटो और वीडियो बिल्कुल ना बनाएं और सोशल मीडिया पर अपलोड करने से बचें।