ऊंट की मौत के कारणाें की जांच के जिलाधिकारी ने दिये आदेश
एक ऊंट की मौत होने पर जिलाधिकारी (डीएम) ने जांच के आदेश दिये हैं।
वाराणसी। उत्तर प्रदेश के वाराणसी में लगभग दो सप्ताह पहले बरामद किये दर्जन भर से अधिक ऊंटों में से रविवार को एक ऊंट की मौत होने पर जिलाधिकारी (डीएम) ने जांच के आदेश दिये हैं।
वाराणसी के डीएम कौशल राज शर्मा ने एक बयान जारी कर बताया कि इस महीने सात जुलाई को स्थानीय अदालत ने पशु क्रूरता अधिनियम के तहत पुलिस द्वारा पकड़े गए 16 ऊंट की कस्टडी थाना पुलिस रामनगर के पास से सामाजिक संस्था 'गौ-ज्ञान फाउंडेशन' को सौंपने के आदेश दिये थे। इस आदेश के अनुपालन में सभी ऊंट गौ ज्ञान फाउंडेशन की देखरेख में हैं। मीडिया को भी इसकी जानकारी संस्था द्वारा दी गई।
बयान के अनुसार कुछ ऊटों के पैरों में रस्सी के निशान से उभरे जख्म थे। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ने जख्मी ऊंटों की चिकित्सा करने हेतु पशु चिकित्सा विभाग के चिकित्सकों की भी ड्यूटी लिखित में लगाई थी। ये चिकित्सक फाउंडेशन और पुलिस की मदद से जख्मी ऊटों का उपचार कर रहे थे।
इनमें से एक ऊंट की आज मृत्यु की जानकारी प्राप्त होने पर डीएम ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को एक पैनल के द्वारा ऊंट का पोस्टमार्टम कराने का अादेश दिया। जिससे ऊंट के इलाज में कोई लापरवाही फाउंडेशन या पशु चिकित्सक के स्तर पर हुई है, तो उसकी रिपोर्ट सोमवार तक देने हेतु निर्देशित किया है। डीएम ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को स्वयं भी मौके पर भेजा है। एक और ऊंट की जांच में नेगेटिव एनर्जी बैलेंस पाया गया है, जिस पर उंसके इलेक्ट्रो लाइट चढ़ाया जा रहा है।
गौरतलब है कि इस प्रकरण में 07 जुलाई को न्यायालय द्वारा गौ ज्ञान फाउंडेशन को ये ऊंट अपनी कस्टडी में ले कर राजस्थान शिफ्ट करने के आदेश दिये गए थे। संस्था ने आज तक इसका कोई जवाब नहीं दिया और फिर सीधे कोर्ट में प्रस्तुत हो गई। फाउंडेशन द्वारा आदेश का अनुपालन न करने के कारण ज़िला प्रशासन ने न्यायालय के आदेश का पुनरीक्षण करने की अर्जी वरिष्ठ न्यायालय में दायर कर दी है। इस पर वरिष्ठ न्यायालय में सुनवाई होनी है। उसके अनुसार आगे की कार्यवाही की जाएगी।
वार्ता