अयोध्या में कामन बिल्डिंग कोड

अयोध्या को नगरीय विकास के मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा

Update: 2022-11-29 13:15 GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मर्यादा पुरूषोत्तम प्रभु श्री राम की जन्म स्थली अयोध्या को विश्व स्तरीय पर्यटन केन्द्र बनाना चाहते हैं। अयोध्या को यह सम्मान मिलना भी चाहिए। यह उसका अधिकार था जो अब तक नहीं मिल पाया। भगवान राम को किसी न किसी रूप में हर कोई अपना आदर्श मानता है। उनकी जन्मस्थली होने का अयोध्या को प्रमाण देश की सबसे बड़ी अदालत ने भी दे दिया, जन आस्था तो पहले से ही अयोध्या को पुण्प नगरी मानती थी। प्रदेश में पूर्वांचल के लोग आज भी इस नगरी को अयोध्या नहीं बल्कि ''अयोध्या जी'' कहकर संबोधित करते हैं और अंतिम संस्कार करना स्वर्ग प्राप्ति का विश्वास माना जाता है। गोस्वामी तुलसी दास ने रामचरित मानस में अवधपुरी की बंदना की है -

बंदउं अवध पुरी अति पावनि।

सरजू सरि कलि कलुष नसावनि।।

प्रनवउँ पुर नर नारि बहोरी।

ममता जिन्ह पर प्रभुहिं न थोरी।।

अर्थात अयोध्या नगरी बहुत पवित्र है और उसके निकट प्रवाहित सरयू नदी समस्त पापों को नष्ट कर देती है। इतना ही नहीं गोस्वामी तुलसी दास ने अयोध्या नगरी में रहने वाले स्त्री-पुरूषों की भी बंदना की है क्यों कि इन सभी पर प्रभु श्री राम की अगाध ममता रही है। ऐसी दिव्य नगरी को नव्य और भव्य बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीपावली पर भव्य दीपोत्सव रामलीलाओं का मंचन, रामायण मेला, सावन झूला आदि के आयोजन करने के साथ ही कामन बिल्डिंग कोड भी लागू कर दिया है। इससे राम मंदिर के आस पास एक ही तरह के रंग की बिल्डिंगे दिखाई पड़ेंगी। अयोध्या को नगरीय विकास के मॉडल के रूप में विकसित किया जाएगा। अयोध्या के विकास के लिए 84 कोसी शास्त्रीय सीमा को आधार बनाया जाएगा।

यूपी की योगी सरकार का विजन प्लान अयोध्या को वैश्विक स्तर पर लाने का है। 3,116 करोड़ के प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो चुका है। 8 हजार करोड़ की योजनाओं का विजन डॉक्यूमेंट तैयार हैं। इसी विजन को पूरा करने के लिए योगी आदित्यनाथ सीएम बनने के बाद 30 बार अयोध्या आए। हालांकि, सीएम बनने से पहले भी वह महीने में 2 बार अयोध्या जरूर आते थे। अपनी सोच को साकार करने के लिए 2017 में पहली बार अयोध्या में दीपोत्सव मनाया। अब 3 नवंबर को 5वां दीपोत्सव दुनिया ने देखा।

अयोध्या के डेवलपमेंट को लेकर करीब 20 हजार करोड़ की योजनाएं तैयार हैं। इनमें 1100 एकड़ में नव्य अयोध्या तैयार होनी है। अयोध्या के सभी एंट्री गेट पर नागर शैली से सजावट हो रही है। शास्त्रों में भगवान विष्णु के आठ चक्र पर अयोध्या के 9 द्वार होने का जिक्र मिलता है। अभी अयोध्या में 6 द्वार हैं। इन द्वार पर भक्तों के रुकने के लिए धर्मशाला और इलेक्ट्रिक वाहन से आने की व्यवस्था की जा रही है।अयोध्या के सूर्य कुंड समेत विकास की योजना के लिए वित्तीय वर्ष 2021-22 के बजट में 140 करोड़ रुपए रखे गये थे।

पर्यटन सुविधाओं के विकास और सुंदरीकरण के लिए 100 करोड़ रुपए, संपर्क मार्ग के निर्माण के लिए 300 करोड़ रुपए, मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट के निर्माण के लिए 101 करोड़ रुपए और रामायण सर्किट से जुड़े चित्रकूट में पर्यटन विकास की योजनाओं के लिए 20 करोड़ रुपए

सीएम योगी आदित्यनाथ ने वर्ष 2017 में पहली बार दीपोत्सव का आयोजन किया था। दीपोत्सव की शुरुआत 51 हजार दीयों से हुई थी। साल 2019 में 4,04,226 मिट्टी के दीयों, साल 2020 में 6,06,569 मिट्टी के दीयों को सरयू के तट पर जलाया गया। इस बार दीपोत्सव में 12 लाख मिट्टी के दीये जलाए गये। सरयू तट पर रामायण की गाथा को भी अमर बनाया जाएगा। साथ ही, लेजर लाइट में रामायण का हाई टेक तरीके से शो दिखाया जाएगा। मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम एयरपोर्ट 600 एकड़ जमीन पर बनेगा। इसके लिए 377 एकड़ से अधिक भूमि अधिग्रहण किया गया। एयरपोर्ट के लिए 101 करोड़ रुपए का प्रावधान किया। वहीं पीएम नरेंद्र मोदी ने 250 करोड़ रुपए दिए हैं। सरकार रामनगरी को नंबर वन धार्मिक पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में विकसित कर रही है।

अयोध्या धाम बस अड्डा 5 एकड़ जमीन पर है और यहां 40 बसों का संचालन फिलहाल शुरू हो चुका है। 14 करोड़ की लागत से बने बस स्टेशन को आम लोगों के लिए खोल दिया गया है। यूपी सरकार का उत्तराखंड, राजस्थान, दिल्ली, बिहार राज्यों से समझौता है। ढाई एकड़ में 21.92 करोड़ खर्च कर कोरियाई रानी हौ पार्क निखारा जा रहा है। नया पार्क प्लाजा, मेडिटेशन सेंटर सहित अन्य आधुनिक सुविधाओं से लैस होगा। रामनगरी में भारत-कोरिया के 2000 साल पुराने संबंधों के साक्षी कोरिया पार्क के विस्तारीकरण का काम तेजी से चल रहा है। दरअसल, सरयू नदी तट पर कोरिया की महारानी रानी हौ का स्मारक बना है।

अयोध्या में 210 करोड़ की लागत से भजन संध्या स्थल तैयार हुआ है। धनुषाकार भजन संध्या स्थल का करीब 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है। 5 हजार की बैठक क्षमता वाले भजन संध्या स्थल में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा। सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए लाईट साउंड सिस्टम भी लगाए जाने की योजना तैयार की जा चुकी है। सरयू किनारे राम की पैड़ी का जीर्णोद्धार हो रहा है। करीब 25 करोड़ रुपए की लागत से बन रही राम की पैड़ी अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का नया केंद्र बन गई है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या को एक सुनियोजित शहर के रूप में विकसित करने के लिए प्रस्तावित महानगर योजना-2031 में जोनल प्लान तैयार करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही उन्होंने श्रीरामजन्मभूमि मंदिर के आस.पास के क्षेत्रों में कॉमन बिल्डिंग कोड लागू करने साथ ही जन्मभूमि के आसपास के क्षेत्र को धार्मिक भू-उपयोग किए जाने का प्रावधान करने को भी कहा है। मुख्यमंत्री ने प्रस्तावित महायोजना के मूल में ईज ऑफ लिविंग को आधार बनाने और शहर को नगरीय विकास के एक 'मॉडल शहर' के तौर पर विकासित करने की रूपरेखा तैयार करने के भी निर्देश दिए हैं। उन्होंने अयोध्या के विकास के लिए 84 कोसी शास्त्रीय सीमा को आधार बनाते हुए कार्ययोजना का समयबद्ध तरीके से क्रियान्वयन करने को कहा है। (हिफी)

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