बलिया में पत्रकार की हत्या पर यूपी की कानून व्यवस्था पर लल्लू ने उठाए सवाल

यूपी सरकार सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी करने में व्यस्त है।

Update: 2020-08-25 13:10 GMT

लखनऊ। यूपी के बलिया में टीवी चैनल के पत्रकार रतन सिंह की दुस्साहसिक अंदाज में हुई हत्या से हर तरफ आक्रोश है। प्रदेश में बढ़ते अपराधों को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू पदाधिकारियों के साथ बलिया के लिए रवाना हुए। उन्होंने यूपी की ध्वस्त हो चुकी कानून-व्यवस्था पर सवाल उठाये। अजय कुमार लल्लू ने कहा कि यूपी में गुंडाराज पूरी तरह से हावी है। पीड़ितों को इंसाफ दिलाने के लिए कांग्रेसी कार्यकर्ता उनके साथ लड़ाई लड़ने को तैयार हैं। उन्होंने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यूपी सरकार सिर्फ आंकड़ों की बाजीगरी करने में व्यस्त है। 

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में एक समाचार चैनल के पत्रकार रतन सिंह की हत्या का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया है। उन्होंने ट्वीट कर परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की है। साथ ही सीएम ने मृतक के परिजनों को 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता राशि तत्काल दिए जाने और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। पत्रकार रतन सिंह की हत्या के बाद मंगलवार दोपहर को यूपी के मंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला ने बलिया जिला अस्पताल का दौरा किया। उन्होंने कहा कि बेरहमी से हुई पत्रकार की हत्या के मामले को हम गंभीरता से ले रहे हैं। सीएम योगी से अनुरोध करेंगे कि वह मुआवजा बढ़ाएं और उनकी पत्नी को नौकरी दें।

गौरतलब है कि, बलिया के फेफना में निजी चैनल के पत्रकार रतन सिंह (42) पुत्र विनोद सिंह की सोमवार की रात हत्या के बाद परिजनों और ग्रामीणों के साथ ही कई पत्रकार और विभिन्न संगठन के लोग सड़क पर उतर गए। लोगों ने आरोप लगाया कि स्थानीय पुलिस की निष्क्रियता से घटना को अंजाम दिया गया है। पुलिस ने किसी तरह लोगों को समझाया और एसओ को निलंबित करने की घोषणा कर लोगों को शांत किया।

रतन सिंह की उनके गांव में ही सोमवार की रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। वारदात को तब अंजाम दिया गया जब वह गांव में ही किसी के यहां बैठने के बाद पैदल ही वापस घर जा रहे थे। ग्रामीणों के अनुसार अपने ऊपर हमला होते ही जान बचाने के लिए रतन सिंह ग्राम प्रधान के घर में घुस गए। इसके बाद भी दुस्साहसिक हमलावरों ने पीछा नहीं छोड़ा और एक-एक कर तीन गोलियां उन्हें मार दी। इससे रतन की घटनास्थल पर ही मौत हो गयी।

वारदात की खबर लगते ही पुलिस प्रशासन के आला अधिकारियों के साथ ही कई पत्रकरा और विभिन्न संगठनों के लोग मौके पर पहुंच गए। लोगों ने फेफना-रसड़ा मार्ग को जाम कर दिया। लोग आरोपियों की गिरफ्तारी और एसओ फेफना शशिमौली पांडेय को बर्खास्त करने की मांग करने लगे। परिजनों ने फेफना पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया। मौके पर पहुंचे एसपी ने एसओ फेफना शशिमौली पांडेय को सस्पेंड करने और जांच के बाद अन्य पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का भरोसा देकर जाम समाप्त कराया। फिलहाल घटना का कारण स्पष्ट नहीं हो सका है। पुलिस के अनुसार पट्टीदारों से उनका विवाद चल रहा था। कई लोगों को हिरासत में लिया गया है। 


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