ग्राम पंचायत निधि को लेकर सड़क पर उतरे प्रधान- उठाई यह मांग

पंचायत परिषद के बैनर तले इकट्ठा हुए ग्राम प्रधानों ने ग्राम पंचायत निधि में की गई कटौती पर अपना विरोध जताते हुए

Update: 2022-12-19 10:22 GMT

हापुड। अखिल भारतीय पंचायत परिषद के बैनर तले इकट्ठा हुए ग्राम प्रधानों ने ग्राम पंचायत निधि में की गई कटौती पर अपना विरोध जताते हुए धरना दिया और कहा कि निधि में कटौती किए जाने से गांव के विकास के काम अवरुद्ध हो गए हैं।


सोमवार को अखिल भारतीय पंचायत परिषद के जिला अध्यक्ष पूनम की अगुवाई में इलाके के प्रधान धरना प्रदर्शन करने के लिए कलेक्ट्रेट पहुंचे और ग्राम पंचायत निधि में की गई 70 प्रतिशत की कटौती को लेकर अपना विरोध दर्ज कराया। इस दौरान जिला अध्यक्ष पूनम ने कहा कि ग्राम पंचायतों को मिलने वाली विकास निधि में सरकार की ओर से 70 फ़ीसदी की कटौती की गई है, जिससे गांव में होने वाले विकास के काम रुक गए हैं। सार्वजनिक शौचालय के केयर टेकर एवं पंचायत सहायक के मानदेय को भी पंचायत विकास निधि से सरकार द्वारा जोड़ दिया गया है। उन्होंने मांग उठाई कि सार्वजनिक शौचालय के केयर टेकर एवं पंचायत सहायक का मानदेय सरकार को अलग से देना चाहिए। इसके अलावा गांव के युवाओं के लिए ओपन जिम एवं अमृत सरोवर जैसी योजनाओं को प्राथमिकता देते हुए गांव के तालाबों के ठेके छोड़ने का अधिकार ग्राम पंचायतों को देना चाहिए। उन्होंने कहा कि गोवंश एवं गौशाला सुरक्षा हेतु अलग से धनराशि ग्राम पंचायतों को दिया जाना समय की जरूरत हो गया है। बिना उच्चस्तरीय जांच के ग्राम प्रधानों के अधिकारों पर रोक लगाने पर रोष जताते हुए उन्होंने कहा कि यदि किसी कार्य के भुगतान में कोई कमी पाई जाती है तो इसके लिए ग्राम प्रधान के बजाय संबंधित जेई से जवाब तलब किया जाए। क्योकि प्रत्येक ग्राम प्रधान टेक्निकल जानकार नहीं होता है। इसलिए मानक के अनुरूप कार्य नहीं होने का जिम्मेदार जेई को मानना चाहिए। ग्राम प्रधानों ने अपनी मांगों से संबंधित मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया।

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