बिहार महापुरुषों की भूमि- राष्ट्रपति
राष्ट्रपति ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के प्रांगण में शिक्षा के क्षेत्र में चौहमुखी विकास हो रहा है।
गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिहार को महापुरुषों की भूमि बताया और कहा कि यहां चाणक्य, आर्यभट्ट, डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे विद्वान पैदा हुए हैं।
राष्ट्रपति मुर्मू ने शुक्रवार को सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार के तीसरे दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि बिहार महापुरुषों की भूमि है। यहां चाणक्य, आर्यभट्ट, डॉ. राजेंद्र प्रसाद जैसे विद्वान पैदा हुए। उन्होंने कहा कि बिहार की भूमि अंबेडकर जैसे लोगों को मानने वाली भूमि है।
राष्ट्रपति ने कहा कि इस विश्वविद्यालय के प्रांगण में शिक्षा के क्षेत्र में चौहमुखी विकास हो रहा है। स्वर्ण पदक पाने वालों में छात्राओं की संख्या सबसे अधिक है, जो दर्शाता है कि विश्वविद्यालय प्रबंधन महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में गतिशील है। इसके अलावा अन्य शैक्षणिक विभागों का भी लगातार विकास हो रहा है, जहां अत्याधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर और फैकल्टी की व्यवस्था है।
श्रीमती मुर्मू ने कहा, “आज का दिन बड़ा ही गौरवशाली है। जिन बच्चों ने डिग्री प्राप्त की है, मैं उन्हें उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभकामना देती हूं। हमारी शुभकामना है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी दिन-रात तरक्की करे। जो छात्र-छात्राएं यहां आज डिग्री धारण किए हैं, वे अपने जीवन के लक्ष्य को प्राप्त करें। यही हमारी शुभकामना है।”
दीक्षांत समारोह में 1142 छात्र-छात्राओं को डिग्री दी गई है, जिनमें 103 गोल्ड मेडलिस्ट हैं। इन गोल्ड मेडलिस्ट में छात्राओं की संख्या 66 है। राष्ट्रपति के द्वारा सम्मानित होने के बाद छात्र-छात्राओं में खुशी का माहौल रहा।
इस मौके पर बिहार के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर, सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ बिहार के कुलपति कामेश्वर नाथ सिंह, भाजपा के महानगर विधायक डॉ. प्रेम कुमार, औरंगाबाद सांसद सुशील सिंह, विभिन्न विभागों के पदाधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी एवं शहर के गणमान्य लोग उपस्थित थे।
इससे पूर्व राष्ट्रपति के आगमन को लेकर यहां सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए थे। कड़ी सुरक्षा के बीच राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू यूनिवर्सिटी के प्रांगण में पहुंची और वहां बने भव्य मंच पर कार्यक्रम का दीप जलाकर शुभारंभ किया। इस दौरान लोगों ने राष्ट्रगान की प्रस्तुति की।