चुनाव की तैयारी में ममता व मुकुल राय

सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता ममता बनर्जी जहां उत्तरी बंगाल की सीटें संभालने में लगी हैं

Update: 2020-07-29 13:23 GMT

लखनऊ। कोरोना से संक्रमण के बीच पश्चिम बंगाल में भी विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही है। सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नेता ममता बनर्जी जहां उत्तरी बंगाल की सीटें संभालने में लगी हैं जहां लोकसभा चुनाव के दौरान टीएमसी को एक भी सीट नहीं मिल पायी थी। ममता बनर्जी ने महुआ मोइत्रा को नदिया जिले की कमान सौंपी है। उधर, मुख्य मुकाबले में भाजपा दिख रही है। हालांकि भाजपा नेता मुकुल राय ने जब यह कहा कि वे भाजपा के साथ हैं और भाजपा के साथ ही रहेंगे, तब यह समझ में नहीं आया कि वे सफाई क्यों दे रहे हैं। चैंकाने वाली बात यह भी है कि मुकुल राय की सार्वजनिक जीवन में सक्रियता कम हुई है और विधानसभा चुनाव को लेकर हुई महत्वपूर्ण बैठकों में वे दिखाई नहीं पड़े। इसके बावजूद राज्य के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने इस बात को पुष्ट किया है कि मुकुल राय पूरी तरह से सक्रिय हैं और उनकी सक्रियता के बारे में टीएमसी की तरफ से अफवाह उड़ाई जाती है। चुनाव भी एक युद्ध है और युद्ध अफवाहों से भी लड़ा जाता है।

पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी सत्ता परिवर्तन के लिए पूरा जोर लगा रही है। पार्टी पूरी सक्रियता के साथ सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस को हर मोर्चे पर घेरती है। इस बीच राज्य में बीजेपी के बड़े नेता मुकुल राय ने इस बात की सफाई दी है कि वो बीजेपी के साथ ही हैं और बीजेपी के साथ ही रहेंगे। दरअसल, मुकुल राय को ये सफाई इसलिए देनी पड़ी क्योंकि उनके तृणमूल कांग्रेस में वापस जाने की चर्चाएं जोर पकड़ रही हैं। इसके पीछे बीजेपी नेतृत्व से उनके मतभेद बताए जा रहे हैं। मुकुल राय ने 2017 में ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था। घर वापसी की चर्चाएं चलीं तो मुकुल राय ने बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इसकी सफाई दी।

पार्टी लीडरशिप से नाराजगी के सवाल पर मुकुल राय ने अपने बयान में कहा, पार्टी की तरफ से मुझे पंचायत और लोकसभा चुनाव प्रचार में पूरी जिम्मेदारी दी गई। केंद्रीय नेतृत्व ने मुझे सम्मान और पहचान दी, मुझे निराशा क्यों होनी चाहिए?

बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष से मतभेद के सवाल पर भी मुकुल राय ने जवाब दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी जैसी पार्टी में हर कोई संगठन के लिए काम करता है, सबकी अपनी जगह है लेकिन सबका एक ही मकसद होता है। मुकुल राय ने कहा, बीजेपी किसी मीडिया हाउस की तरह नहीं है, जहां एडिटर और डिप्टी एडिटर के बीच मतभेद होता है। हमारी जैसी पार्टी के अंदर सब अपने स्पेस में काम करते हैं, लेकिन हम सब समान लक्ष्य के काम करते हैं। ध्यान देने की बात यह जरूर है कि मुकुल राय की सक्रियता सार्वजनिक जीवन में काफी कम हुई है। दूसरी तरफ दिल्ली में विधानसभा चुनाव को लेकर हुई अहम बैठकों में भी उनकी मौजूदगी नहीं रही। इन तमाम खबरों के बीच चर्चाएं ये चलीं कि वो बीजेपी छोड़ सकते हैं। इन्हीं कयासों पर मुकुल राय ने सफाई दी है। मुकुल राय ने कहा कि वो कोरोना के चलते सार्वजनिक जीवन से थोड़ा दूर हैं। जहां तक मीटिंग की बात है तो वो 22 जुलाई को मीटिंग के लिए दिल्ली गए थे, लेकिन मीटिंग की तारीख बढ़ गई और मेरी आंख के इलाज के लिए अपॉइंटमेंट था जो नहीं बदल सकता था। पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने भी ऐसी अटकलों को आधारहीन बताया है। उन्होंने कहा है कि इस तरह की अफवाह टीएमसी द्वारा फैलाई जा रही है।

उधर, सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव के समीकरण अभी से सेट किए जाने लगे हैं। बीजेपी एक तरफ ममता सरकार के खिलाफ माहौल बनाने में जुटी है वहीं, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी पार्टी टीएमसी के संगठन में बड़ा फेरबदल किया है। ममता ने पार्टी संगठन में युवा चेहरों को जगह देने के साथ-साथ महुआ मोइत्रा जैसी तेज-तर्रार नेता को भी अहम भूमिका सौंपी है। बीजेपी की चुनौतियों से पार पाने के लिए उन्होंने पूर्व नक्सली छत्रधर महतो को पार्टी संगठन में जगह दी है।

ममता बनर्जी ने गत दिनों टीएमसी की वर्चुअल बैठक में नई प्रदेश कोऑर्डिनेशन कमेटी का गठन किया है। इसके अलावा सात सदस्यीय एक कोर कमेटी गठित करने के साथ कई जिलों के पार्टी जिलाध्यक्षों को हटाकर युवा और नए चेहरों को जिम्मेदारी सौंपी है। टीएमसी ने 40 सदस्यों की नई राज्य कमेटी गठित की है।

टीएमसी प्रमुख ने बंगाल के हावड़ा, कूचबिहार, पुरूलिया, नदिया, झाड़ग्राम और दक्षिण दिनाजपुर सहित कई जिलों में पार्टी अध्यक्षों को हटाकर नए और युवा चेहरों को मौका दिया है। इनमें हावड़ा सदर में पिछले कई सालों से जिला अध्यक्ष पद पर काबिज वरिष्ठ नेता व मंत्री अरूप राय की जगह अब पूर्व क्रिकेटर व खेल राज्य मंत्री लक्ष्मी रतन शुक्ला को अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। रतन शुक्ला हिंदी भाषी चेहरे हैं और इसके जरिए हिंदी भाषी वोटरों को साधने की कवायद की है। ममता बनर्जी ने नदिया जिले की जिम्मेदारी तेज-तर्रार युवा नेता महुआ मोइत्रा को दी है। मोइत्रा फिलहाल लोकसभा सदस्य हैं और संसद में जोरदार भाषणों से उन्होंने अपनी मजबूत पहचान बनाई है। ऐसे में चुनाव से पहले उन्हें नदिया जिले की जिम्मेदारी अहम मानी जा रही है। वहीं, दक्षिण दिनाजपुर जिला अध्यक्ष के पद से राज्यसभा सदस्य अर्पिता घोष को हटा कर गौतम दास को कमान सौंपी गई। इसी तरह बांकुरा में श्यामल संतरा, पुरुलिया में गुरुपद टूडू, कूचबिहार में पार्थ प्रतिम राय, झारग्राम में दुलाल मुर्मू को जिला अध्यक्ष बनाया गया है।

पश्चिम बंगाल जंगलमहल इलाके में पिछले कुछ सालों में भाजपा ने मजबूत स्थिति दर्ज कराई है और 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने यहां की अधिकतर सीटों पर जीत दर्ज की थी। इसी जंगलमहल इलाके में छत्रधर महतो का जबरदस्त राजनीतिक प्रभाव है, जिसके चलते उन्हें संगठन में तवज्जो दी गई है ताकि बीजेपी के प्रभाव को कम किया जा सके। हालांकि, छत्रधर महतो और ममता बनर्जी की नजदीकी कोई नई बात नहीं है। 2019 में गिरफ्तारी से पहले जंगलमहल इलाके में छत्रधर के साथ ममता बाइक पर बैठकर चुनाव प्रचार करते हुए भी देखी गई थीं। वहीं, जेल से रिहा होने के बाद छत्रधर ने कहा था कि वह ममता बनर्जी पर विश्वास रखकर आगे की लड़ाई जारी रखेंगे। राज्य कमेटी में जंगलमहल के कुछ और नए चेहरों को जगह दी गई है।

(अशोक त्रिपाठी-हिन्दुस्तान समाचार फीचर सेवा)

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