अब शिंदे ने दिखाए तेवर-बोले विचारधारा की संस्कृति हो रही कांग्रेस
विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है।
मुंबई। वर्ष 2022 में होने वाले पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी कांग्रेस की परेशानियां कम होने का नाम नहीं ले रही है। पूर्व मंत्री जितिन प्रसाद और ज्योतिरादित्य सिंधिया के कांग्रेस से जाने के बाद अब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार शिंदे ने भी विद्रोही रुख अपनाते हुए कहा है कि पार्टी अपनी विचारधारा की संस्कृति को लगातार हो रही है। पार्टी इस समय कहां है यह समझ पाना भी बड़ा मुश्किल भरा काम हो रहा है।
दरअसल महाराष्ट्र के पुराने कांग्रेसी नेताओं को सम्मानित करने के लिए बीते दिनों एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री सुशील शिंदे भी शामिल हुये थे। इसी दौरान समारोह को संबोधित करते हुए पूर्व मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि एक समय था, जब कांग्रेस पार्टी में मेरे शब्दों का कुछ मूल्य होता था। लेकिन मुझे नहीं पता कि अब यह है या नहीं। क्योंकि कांग्रेस अपनी विचारधारा की संस्कृति को खोती जा रही है। एक समय था जब कांग्रेस चिंतन शिविर आयोजित करती थी। इस शिविर में पार्टी के प्रदर्शन और नेताओं की लोकप्रियता और जनता में बीच उनकी पकड़ को लेकर जनता के साथ मंथन किया जाता था। लेकिन अब इस बात को समझना बड़ा ही मुश्किल भरा काम है। कई नीतियां गलत हो सकती है। लेकिन सुधार के लिए कांग्रेस में कार्यशाला आयोजित करने की संस्कृति थी जो अब लुप्त प्रायः दिखाई दे रही है। कांग्रेसी नेता सुशील कुमार शिंदे द्वारा पार्टी आलाकमान के खिलाफ नाराजगी जाहिर करने पर भी अब राजनीति शुरू हो गई है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा है कि सुशील शिंदे ने अगर कुछ कहा है तो पार्टी को इस मुद्दे पर चर्चा करनी चाहिए। क्योंकि वह काग्रेस के सबसे बड़े नेताओं में से एक हैं और उन्होंने पार्टी के लिए बहुत कुछ किया है।