CM योगी से साधा निशाना- कांग्रेस ने घोंटा संविधान का गला
उन्होने कहा कि संविधान की उद्देशिका से छेड़छाड़ कर कांग्रेस ने भारत के संविधान का गला घोंटा है
लखनऊ। कांग्रेस पर संविधान का गला घोंटने का आरोप लगाते हुये उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि कांग्रेस ने संविधान के मूल स्वरूप को बदलने का प्रयास किया और देश की जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाई।
संविधान दिवस के अवसर पर लोकभवन में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान को दुनिया का सबसे विस्तृत और सशक्त संविधान बताते हुए कहा कि बाबा साहब ने सबसे पहले संविधान के रूप में “एक भारत श्रेष्ठ भारत” की आधारशिला रखी। उन्होने कहा कि संविधान की उद्देशिका से छेड़छाड़ कर कांग्रेस ने भारत के संविधान का गला घोंटा है। बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान 26 नवंबर 1949 को दिया था, उसमें ‘सेक्युलर’ और ‘समाजवादी’ शब्द नहीं थे।
मुख्यमंत्री ने संविधान दिवस पर प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि यह दिन हमें अपने लोकतंत्र और संविधान की महानता का स्मरण कराता है। उन्होंने बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर को भारत का सच्चा सपूत बताते हुए कहा कि उनकी अगुवाई में बनी संविधान सभा की ड्राफ्टिंग कमेटी ने न्याय, समता और बंधुता जैसे मूल्यों को संविधान में शामिल कर देश को एक सशक्त भविष्य दिया।
उन्होंने बताया कि 15 अगस्त 1947 को देश की आजादी के बाद 1946 में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की मांग पर संविधान सभा का गठन हुआ था। संविधान सभा की पहली बैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई, जिसमें डॉ. राजेंद्र प्रसाद को अध्यक्ष चुना गया। 13 समितियों के माध्यम से संविधान निर्माण का कार्य किया गया, जिसमें ड्राफ्टिंग कमेटी का नेतृत्व बाबा साहब डॉ. अंबेडकर ने किया। संविधान निर्माण के लिए 13 कमेटियों के बहस और फिर उसके महत्वपूर्ण अंशों को संविधान में शामिल किया गया, मुख्यमंत्री ने इन बहसों को संविधान का सार बताते हुए कहा कि विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका को इनसे मार्गदर्शन लेना चाहिए।
योगी ने भारत के लोकतंत्र की तारीफ करते हुए कहा कि भारत का संविधान हर जाति, मत और मजहब के व्यक्ति को समान मताधिकार देता है। जब दुनिया के अन्य लोकतंत्रों में भेदभाव जारी था, भारत ने पहले ही आम चुनाव में हर वयस्क नागरिक को वोट देने का अधिकार दिया। यह बाबा साहब अंबेडकर और संविधान सभा की दूरदर्शिता का परिणाम है। संविधान दिवस का यह आयोजन प्रदेशवासियों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों की महत्ता को समझाने और लोकतंत्र के प्रति उनकी आस्था को मजबूत करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि संविधान की उद्देशिका से छेड़छाड़ कर कांग्रेस ने संविधान का गला घोंटा है। कांग्रेस ने संविधान के मूल स्वरूप को बदलने का प्रयास किया और देश की जनता के विश्वास को ठेस पहुंचाई। यह भाजपा की सरकार है जिसने संविधान के प्रति लोगों की आस्था को मजबूत किया।
योगी ने कहा कि जिन लोगों ने भारत के संविधान का गला घोंटने का काम किया था जनता ने उनको भी सबक सिखाने में कोई कोताही नहीं बरती है। उन्होंने कहा कि किसी भी संविधान या किसी भी पवित्र कार्यक्रम की आत्मा उसका उद्देश्य होता है, भारत का जो मूल संविधान बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर ने 26 नवंबर 1949 को दिया जिसे भारत ने अंगीकार किया था, उसमें दो शब्द ‘सेक्युलर’ और ‘समाजवादी’ शब्द भी नहीं था। कांग्रेस ने चोरी छिपे जब यह देश के नागरिक अधिकार निरस्त किए गए थे, देश इमरजेंसी थी तब इन दो शब्दों को भारत के संविधान में डालकर भारत की संविधान की आत्मा का गला घोंटने का काम कांग्रेस ने किया था।
उन्होने कहा कि जो लोग देश की जनता को गुमराह करते हैं, उनकी भावनाओं के बारे में देश की जनता को जानने की आवश्यकता है। इनका चेहरा लोकतांत्रिक दिखता है लेकिन वास्तव में लोकतांत्रिक है नहीं। यह अपनी उस तानाशाही फासीवादी मानसिकता के साथ काम करने वाले लोग हैं। जब भी इनको अवसर मिलेगा ये लोग अपनी हरकत से बाज नहीं आएंगे। सीएम योगी ने कहा कि इससे पहले 1975 रहा हो या फिर अब भारत के बाहर जाकर और भारत के अंदर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के द्वारा सामाजिक रूप से दलित अति पिछड़ी जाति के लोगों को मिले हुए संवैधानिक अधिकारों से वंचित करने के बारे में किस प्रकार की टिप्पणियां ये लोग करते हैं यह आज किसी से छिपा नहीं है।
योगी ने कहा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की यह धरोहर है जो संपूर्ण भारत को 140 करोड़ भारतवासियों को एकता के सूत्र में बांधता है वह भारत का संविधान है, इस भारत के संविधान का संरक्षण करना हम सब का दायित्व है। भारत के संविधान के द्वारा भारत के प्रत्येक नागरिक के लिए तय किए गए उसके मूलभूत कर्तव्यों का अगर हम पालन करेंगे तो यह बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के प्रति, भारत के संविधान निर्माताओं के प्रति और भारत के महान स्वाधीनता संग्राम सेनानियों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
उन्होने कहा कि दुनिया के अंदर आधुनिक लोकतंत्र के जनक कहे जाने वाले उन तमाम देशों से पहले भारत ने महिलाओं को मताधिकार की शक्ति दी। अब भारत उससे भी आगे बढ़ चुका है, जब प्रधानमंत्री मोदी ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम पारित करके विधायिका में एक तिहाई सदस्य महिलाओं के लिए आरक्षित कर दिया। यह भी दुनिया में सबसे पहले भारत में हुआ।
योगी ने कहा कि भारत का संविधान भारत के नागरिकों को संरक्षण भी प्रदान करता है सम्मान भी प्राप्त करता है समानता के भाव के साथ भी जोड़ता है और संविधान निर्माताओं की मूल भावनाओं का सम्मान करना भी सीखाता है। न्याय, समता और बंधुता इसकी मूल भाव को लेकर अनेक उतार-चढ़ाव का सामना करते हुए भारत के संविधान ने अपने इन 75 वर्षों की यात्रा को शानदार तरीके से किया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारतीय संविधान न केवल अधिकारों की गारंटी देता है, बल्कि नागरिकों को उनके कर्तव्यों का भी बोध कराता है। उन्होंने कहा कि यह हमारा सौभाग्य है कि हम आजादी के अमृत काल में संविधान के अमृत महोत्सव को मना रहे हैं। यह समय संविधान के आदर्शों और मूल्यों को आत्मसात कर ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ के लक्ष्य को साकार करने का है।
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयास और दूरदर्शिता के कारण आज हम संविधान सभा का दिवस के इस आयोजन के साथ सहभागी बन रहे हैं। उन्होंने आज से 10 वर्ष पहले बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के भव्य स्मारक के बनाने के कार्यक्रम का शुभारंभ करने के अवसर पर कहा था कि समय आ गया है जब हम भारत के संविधान दिवस को भी एक सार्वजनिक महत्व का दिवस मानकर इस आयोजन को पूरी भव्यता के साथ आयोजित करें। उन्होंने नोटिफिकेशन जारी करवाया और नोटिफिकेशन जारी करवाने के बाद 26 नवंबर 2015 से संविधान दिवस का यह कार्यक्रम इस भव्यता के साथ पूरे देश के अंदर आयोजित हो रहा है।
योगी ने 2019 में उत्तर प्रदेश विधानसभा और विधान परिषद में नागरिक कर्तव्यों पर आयोजित विशेष सत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि नागरिक अधिकार और कर्तव्य दोनों ही लोकतंत्र के दो महत्वपूर्ण स्तंभ हैं। उन्होंने कहा कि केवल अधिकारों की बात करना पर्याप्त नहीं है, बल्कि संविधान में बताए गए नागरिक कर्तव्यों का पालन करना भी आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने संविधान दिवस को सार्वजनिक महत्व का दिन बताते हुए कहा कि इसे केवल एक औपचारिक कार्यक्रम के रूप में नहीं, बल्कि जागरूकता अभियान के रूप में मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान दिवस के माध्यम से लोगों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से संविधान के आदर्शों और मूल्यों को आत्मसात करने की अपील की। उन्होंने कहा कि एक सशक्त और समृद्ध भारत का निर्माण तभी संभव है, जब हर नागरिक अपने कर्तव्यों का निर्वहन करे और संविधान में दिए गए अधिकारों का सही उपयोग करे।
संविधान दिवस के इस आयोजन में दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना, अनुसूचित जाति/जनजाति आयोग के अध्यक्ष बैजनाथ रावत, प्रमुख सचिव मनोज कुमार सिंह समेत कई मंत्री, विधायक और अधिकारी उपस्थित रहे।
वार्ता