दो अधिकारी निलंबित, रिटायर्ड CDO के खिलाफ जांच
दो खंड विकास अधिकारियों को निलंबित करते हुये अवकाश प्राप्त मुख्य विकास अधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दिये है।
हमीरपुर। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना में हुये लाखो रुपये के घोटाले के आरोप में हमीरपुर जिले के दो खंड विकास अधिकारियों को निलंबित करते हुये अवकाश प्राप्त मुख्य विकास अधिकारी के खिलाफ जांच के आदेश दिये है।
मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) के के वैश्य ने आज यहां यह जानकारी दी। उन्होने बताया कि जिले मौदहा क्षेत्र के छिमौली गांव में वर्ष 2018-19 में तत्कालीन सीडीओ आरके सिंह की शह पर ग्राम विकास अधिकारी नसीम व कम्प्यूटर आपरेटर ने साजिश के तहत 21 अपात्र लाभार्थियों के खाते में पैसा भेजकर 23.60 लाख रुपये की धांधली की थी।
उन्होंने बताया कि उस समय तत्कालीन बीडीओ विजय शंकर शुक्ला व वर्तमान बीडीओ को मामले की पूरी जानकारी थी लेकिन इन दोनो अधिकारियों ने नें कोई कार्रवाई नहीं की, उच्चाधिकारियों को जानकारी होने पर ग्राम विकास अधिकारी को निलंबित कर कम्प्यूटर आपरेटर की सेवाएं समाप्त कर दी गयी थी। इसके बाद संबंधित कर्मियों से 23.6 लाख रुपये की धनराशि वसूल कर पात्रो के खातों में डाली गयी थी।
सीडीओ ने बताया कि मामले की जानकारी शासन को होने पर इसे गंभीरता से लेते हुये तत्कालीन बीडीओ विजय शंकर शुक्ला जो वर्तमान में गोहांड में नियुक्त है व रत्नेश सिंह जो मौदहा में बीडीओ पद पर कार्यरत है दोनो को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है । सेवानिवृत्त सीडीओ आर के सिंह के खिलाफ चार्जशीट जारी करते हुए इस मामले की जांच के लिए बांदा जिले के संयुक्त विकास आयुक्त को जांच अधिकारी नामित किया गया है।
उन्होंने बताया कि निलंबित बीडीओ रत्नेश सिंह को आयुक्त ग्राम विकास कार्यालय लखनऊ से सम्बद्ध कर दिया गया है। रत्नेश सिंह जिला प्रशिक्षण अधिकारी पद पर नियुक्त है, शासन ने कहा है कि इनके लिये अलग से आरोप पत्र जारी करने को कहा है।