अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद क्यों ट्रेंड कर रहा है #MenToo -जाने ?
जब उन्होंने तर्क दिया कि मामले झूठे थे, तो न्यायाधीश ने कथित तौर पर कहा, तो क्या हुआ ?
डिजिटल डेस्क, सहारनपुर। बेंगलुरु आईटी प्रोफेशनल अतुल सुभाष ने हाल ही में 9 दिसंबर 2024 को आत्महत्या कर ली। उन्होंने अपनी मौत से पहले एक वीडियो बनाया जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी और न्यायिक अधिकारी पर उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। जिसके बाद से ही इस घटना ने सोशल मीडिया पर #MenToo को एक बार फिर चर्चा का केंद्र बना दिया है।
गौरतलब है कि बेंगलुरु के इंजीनियर अतुल सुभाष ने सोमवार को बेंगलुरु स्थित अपने घर में आत्महत्या कर ली। 34 साल के अतुल सुभाष ने आत्महत्या से पहले एक वीडियो बनाया, जिसमें उन्होंने न्यायिक अधिकारी रीता कौशिक और अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया पर उत्पीड़न और भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए। अतुल ने कहा, कि तलाक और बच्चों की कस्टडी के मामले में उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। अतुल ने आरोप लगाया कि न्यायिक अधिकारी ने रिश्वत मांगी और उनकी शिकायतों को अनदेखा किया। अतुल ने अपनी वीडियो में पांच लोगों को अपनी मौत का कारण बताया। पहला नाम उन्होंने न्यायिक अधिकारी रीता कौशिक का लिया, दूसरा अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, तीसरा अपनी सासू मां निशा सिंघानिया, चौथा अपने साले अनुराग सिंघानिया और पांचवां अपनी पत्नी के अंकल जो कि जौनपुर में रहते हैं। उन्होंने बताया कि कैसे इन्होंने उन्हें आत्महत्या करने पर मजबूर कर दिया। सुभाष के अनुसार, एक अदालती सुनवाई के दौरान उनकी पत्नी ने तीन करोड़ की समझौता राशि की मांग की, जो शुरू में एक करोड़ थी। जब उन्होंने तर्क दिया कि मामले झूठे थे, तो न्यायाधीश ने कथित तौर पर कहा, तो क्या हुआ ? वह आपकी पत्नी है और यह आम बात है।
अतुल सुभाष आरोप लगाया कि उनकी पत्नी ने उन्हें आत्महत्या करने के लिए प्रोत्साहित किया है और कहा है कि आप भी ऐसा क्यों नहीं करते ? अतुल सुभाष ने दावा किया कि न्यायाधीश इस टिप्पणी पर हंस रही थी। उन्होंने न्यायाधीश पर मामले को निपटने के लिए 5 लाख की रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया। इस घटना के बाद से ही सोशल मीडिया पर #MenToo ने जोर पकड़ लिया है और #MenToo मूवमेंट को एक बार फिर चर्चा का केंद्र बना दिया है।
क्या है #MenToo मूवमेंट ?
देखिए अतुल सुभाष की आत्महत्या के बाद से ही #MenToo सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है। यह आंदोलन पुरुषों के खिलाफ झूठे आरोप और न्याय प्रक्रिया में भेदभाव जैसे मुद्दों को उठाता है। पुरुषों के अधिकार के लिए #MenToo सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा है।