बोला सुप्रीम कोर्ट- भाषा का नहीं होता कोई धर्म- उर्दू को केवल..

सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंची थी और जहां से अब उन्हें निराशा हाथ लगी है।;

Update: 2025-04-16 11:14 GMT

नई दिल्ली। देश की शीर्ष अदालत ने उर्दू को केवल मुसलमानों की भाषा मानने को गलत करार देते हुए कहा है कि भाषा का कोई धर्म नहीं होता है।

बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने महाराष्ट्र के अकोला जनपद की पाटूर नगर परिषद के साईन बोर्ड पर मराठी के साथ उर्दू भाषा के उपयोग को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया है।

देश की शीर्ष अदालत ने इस याचिका को लेकर की गई अपनी सख्त टिप्पणी में कहा है कि भाषा का कभी कोई धर्म नहीं होता और उर्दू को केवल मुसलमानों की भाषा मानना सच्चाई और भारत की विविधता की एक दुर्भाग्यपूर्ण गलतफहमी है।

पूर्व नगर सेविका वर्षा ताई संजय बगाडे की ओर से दायर की गई याचिका में कहा गया था कि नगर परिषद का कार्य केवल मराठी में किया जा सकता है और उर्दू का उपयोग नगर परिषद के बोर्ड पर भी नहीं होना चाहिए।

मुख्य बात यह है कि पूर्व नगर सेविका की यह याचिका पहले नगर परिषद और उसके बाद मुंबई हाई कोर्ट द्वारा खारिज कर दी गई थी।

अंत में याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट की चौखट पर पहुंची थी और जहां से अब उन्हें निराशा हाथ लगी है।Full View

Tags:    

Similar News