रेलवे पुलिस ने शुरू की अक्षम बच्चों लिए अनूठी पाठशाला
एक गैर सरकारी संगठन के सहयोग से प्लेटफॉर्म पर गुजर-बसर करने वाले समाज के अक्षम तबके के बच्चों को शिक्षित करने की एक अनूठी पहल प्रारंभ की है।
इंदौर। मध्यप्रदेश के इंदौर की शासकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) ने यहां मुख्य रेलवे स्टेशन पर एक गैर सरकारी संगठन के सहयोग से प्लेटफॉर्म पर गुजर-बसर करने वाले समाज के अक्षम तबके के बच्चों को शिक्षित करने की एक अनूठी पहल प्रारंभ की है।
जीआरपी अधीक्षक किरण लता केरकेटा ने बताया कि बीती 22 अक्टूबर से हमने यहां जीआरपी थाना परिसर में बच्चों को पढ़ाना शुरू किया है। उन्होंने बताया कि सप्ताह में प्रतिदिन 3 से 5 बजे तक लगने वाली इन नियमित कक्षाओं में 10-12 बच्चें शामिल हो रहे है। इनमें 5 से 13 वर्ष की आयु के ये बच्चें यहीं रेलवे स्टेशन के नजदीक झुग्गी-झोपडी में रहने वाले है। रेलवे स्टेशन के आसपास भिक्षावृत्ती करना, कचरा बीनने, गुब्बारे बेचने व बाल मजदूरी कर ये अपना जीवन यापन करते आये है।
पश्चिम रेलवे के मुख्य प्रवक्ता जितेंद्र कुमार जयंत ने बताया कि कुछ वर्षो पहले रेलवे स्टेशन पर यात्रियों तथा अन्य लोगो के साथ होने वाली अपराधों में नाबालिग बच्चों की भूमिका सामने आ रही थी। जिसके बाद अक्षम तथा असहाय बच्चों के हितार्थ काम करने वाली एनजीओ की सहायता से ऐसे बच्चों को चिन्हित कर उन्हें प्राश्रय दिया गया।
पश्चिम रेलवे के मुख्य प्रवक्ता जितेंद्र कुमार जयंत के अनुसार इसी क्रम में बीते दो वर्षो में 70 से ज्यादा बच्चों को रेलवे स्टेशन पर भटकते परामर्श केंद्र लाया गया। यहां परामर्श केंद्रों में इन बच्चों से सहज बातचीत कर इनके माता-पिता का पता लगा कर इन्हे इनके घर पहुंचाया गया है। उन्होंने बताया कि रेलवे पुलिस द्वारा शुरू कि गई अध्यनशाला का मुख्य उद्देश्य ऐसे अक्षम बच्चो को शिक्षित कर इन्हे समाज की मुख्य धारा से जोड़ना है।
रेलवे प्रवक्ता ने बताया इसी मुहीम को इंदौर के साथ उज्जैन में भी शुरू किया गया है। भविष्य में सफलता मिलने पर इसी तरह अध्ययनशाला राज्य के अन्य रेलवे स्टेशन पर भी शुरू करने की योजना है।
वार्ता