दिमागी बुखार यूपी में सफाये की ओर : योगी
इंसेफ्लाइटिस को पूरी तरह से नियंत्रित करने में हमें सफलता मिली है, लेकिन हमें सावधानी बरतनी पड़ेगी
बस्ती। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार ने तीन साल में दिमागी बुखार (जापानी इंसेफ्लाइटिस) को करीब 75 फीसदी और मौत के आंकड़ों को 95 फीसदी तक नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की है।
बस्ती में संचारी रोग पखवाड़े का शुभारंभ करते हुये उन्होने कहा कि दिमागी बुखार पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए अभिशाप बन चुका था, वह आज पूरी तरह से उन्मूलन के अंतिम दौर में है। उन्होंने अपील की कि संचारी रोग नियंत्रण सभी प्रकार के विषाणु जनित बीमारियों से हर नागरिक के जीवन को बचाने के साथ कोरोना जैसी महामारी से बचाव के लिए भी एक बेहतर प्लेटफॉर्म बनना चाहिए। इसे व्यापक जागरूकता के साथ हम जोड़ सकते हैं।
योगी ने वैश्विक महामारी कोरोना और इंसेफ्लाइटिस की तुलना करते हुए कहा कि कोरोना से प्रदेश में मृत्यु दर 1.3 फीसदी रही है। जबकि इंसेफ्लाइटिस में यह मृत्यु दर 20-25 फीसदी थी, यानि एक हजार लोगों को दुर्भाग्य से अगर कोरोना हुआ होगा, तो उस समय करीब 13 लोगों की मौत हुई है, लेकिन याद करिए कि अगर एक हजार लोग इंसेफ्लाइटिस की चपेट में आते, तो उससे मरने वालों की संख्या करीब 260 होती थी, यह तब था जब पूर्वी उत्तर प्रदेश में इंसेफ्लाइटिस का कहर देखने को मिलता था। 13 और 260 में बहुत अंतर है और उस इंसेफ्लाइटिस को पूरी तरह से नियंत्रित करने में हमें सफलता मिली है, लेकिन हमें सावधानी बरतनी पड़ेगी।
इस दौरान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, स्वास्थ्य एवं चिकित्सा मंत्री जय प्रताप सिंह, उद्यान राज्य मंत्री श्रीराम चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष संजय चौधरी, विधायक दयाराम चौधरी, संजय प्रसाद जायसवाल, चंद्र प्रकाश शुक्ला, अजय सिंह, रवि सोनकर, अध्यक्ष नगर पालिका परिषद रूपम मिश्रा, भाजपा जिलाध्यक्ष महेश शुक्ल आदि मौजूद थे।
वार्ता