एमेजन- फ्लिपकार्ट के खिलाफ जांच में हस्तक्षेप से 'सुप्रीम' का इंकार

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की जांच में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया। प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन के लिए इन दोनों कंपनियों के खिलाफ सीसीआई की जांच चल रही है।

Update: 2021-08-09 08:43 GMT

नयी दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने ई-कॉमर्स क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों- एमेजन और फ्लिपकार्ट को बड़ा झटका देते हुए उनके खिलाफ भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग की जांच में हस्तक्षेप से इंकार कर दिया। प्रतिस्पर्धा कानून के उल्लंघन के लिए इन दोनों कंपनियों के खिलाफ सीसीआई की जांच चल रही है।

मुख्य न्यायाधीश एन वी रमन, न्यायमूर्ति विनीत सरन और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की खंडपीठ ने इस मामले में कर्नाटक उच्च न्यायालय के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। हालांकि, न्यायालय ने दोनों कंपनियों को जांच में शामिल होने के लिए चार हफ्ते का समय दिया है। दोनों कंपनियों ने उच्च न्यायालय के फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय ने गैर-प्रतिस्पर्धी कारोबार के लिए दोनों कंपनियों के खिलाफ सीसीआई द्वारा शुरू की गयी प्रारंभिक जांच (पीई) में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया।

न्यायमूर्ति रमन ने सुनवाई के दौरान टिप्पणी की, "हमें (उच्च न्यायालय के) आदेश में हस्तक्षेप का कोई कारण नजर नहीं आता। (जांच में शामिल होने का) समय आज (नौ अगस्त) को समाप्त होने को ध्यान में रखते हुए हम चार सप्ताह की अवधि बढ़ा रहे हैं। हमें अमेजन और फ्लिपकार्ट जैसी बड़ी कंपनियों से अपेक्षा करते हैं कि वह स्वेच्छा से जांच में शामिल हों।"

वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमण्यम ने अमेजन की ओर से दलीलें पेश की, जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने फ्लिपकार्ट का पक्ष रखा। सीसीआई की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए।

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