हिजाब विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का तत्काल सुनवाई से इंकार-दी यह नसीहत

हिजाब पहनने की अनुमति देने की मांग करने वाली छात्राओं को सुप्रीम कोर्ट की ओर से करारा झटका लगा है

Update: 2022-03-24 08:17 GMT

नई दिल्ली। कर्नाटक के स्कूल एवं कालेजों के भीतर हिजाब पहनने की अनुमति देने की मांग करने वाली छात्राओं को सुप्रीम कोर्ट की ओर से करारा झटका लगा है। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की तत्काल सुनवाई से इंकार करते हुए हिजाब समर्थक छात्राओं के वकील से कहा है कि वह इस मामले में सनसनी फैलाने से बचें और हिजाब विवाद का परीक्षाओं से कोई लेना देना भी नहीं है।

बृहस्पतिवार को सुप्रीमकोर्ट की ओर से कर्नाटक के स्कूल कॉलेजों में हिजाब पहनने की मांग करने वाली छात्राओं को करारा झटका दिया गया है। उच्चतम न्यायालय ने इस मामले की तत्काल सुनवाई करने से इंकार करते हुए हिजाब समर्थक छात्राओं के वकील से कहा है कि वह इस मामले में सनसनी फैलाने से बचें। हिजाब समर्थक छात्राओं के वकील देवदत्त कामत ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि परीक्षाएं शुरू होने वाली है ऐसे में किसी की पढ़ाई को नुकसान से बचाने के लिए हिजाब विवाद के मामले पर तत्काल सुनवाई की जरूरत है। अधिवक्ता की इस दलील पर अदालत की ओर से कहा गया है कि आप इस मामले को सनसनीखेज बनाने से बचें। अदालत ने साफ तौर पर कहा है कि हिजाब विवाद का परीक्षाओं से दूर तक भी कुछ लेना देना नहीं है। अधिवक्ता देवदत्त कामत की दलील पर चीफ जस्टिस एनवी रमन्ना ने कहा है कि परीक्षाओं का इस मुद्दे से कोई लेना देना नहीं है, इसलिए इसका उल्लेख कर आप सनसनी नहीं फैलाएं।

इससे पहले भी अदालत ने हिजाब विवाद पर तत्काल सुनवाई से इनकार करते हुए कहा था कि होली की छुट्टियों की समाप्ति के बाद इस पर विचार किया जाएगा। बृहस्पतिवार को चीफ जस्टिस के समक्ष इस मामले को तत्काल सुनवाई के लिए रखा गया था। इस दौरान एडवोकेट देवदत्त कामत ने कहा था कि 28 मार्च से छात्राओं की परीक्षाएं शुरू होने वाली है ऐसे में यदि उन्हें हिजाब के साथ एंट्री नहीं दी गई तो उनका 1 साल बर्बाद हो जाएगा।

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