कांग्रेस के लगाये पेड़ों के फल खाकर जिंदा हैं भाजपा नेता-मल्लिकार्जुन

भारतीय जनता पार्टी की सरकार तथा नेताओं पर आरोप लगाया कि वह उसके लगाये हुए पेड़ों के पके पकाये फल खा रही है

Update: 2022-02-02 10:57 GMT

नई दिल्ली। कांग्रेस ने सत्तारूढ भारतीय जनता पार्टी की सरकार तथा नेताओं पर आरोप लगाया कि वह उसके लगाये हुए पेड़ों के पके पकाये फल खा रही है और उसे यह पता होना चाहिए कि यदि कांग्रेस ने 70 वर्षों के शासन में कुछ नहीं किया होता तो वे आज जिंदा ही नहीं रहते।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए कहा कि अभिभाषण सरकार का नीति तथा विजन दस्तावेज होता है। लेकिन यह तो पूरी तरह से चुनावी भाषण है और इसे पिछले सभी भाषणों के अंशों में कुछ नया जोड़ते हुए तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि इसमें सरकार के किसी भी वादे को पूरा किये जाने की बात नहीं है साथ ही गरीब, महिला, किसान तथा अन्य वर्गों के लिए भी कुछ नहीं है।

खड़गे ने सदन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की मौजूदगी में कहा कि सरकार की ओर से छोटे से लेकर बड़े स्तर पर हर रोज और हर कोई एक ही बात कहता है कि कांग्रेस ने 70 वर्षों में क्या किया। उन्होंने कहा अगर कुछ नहीं करते तो आज आप जिंदा नहीं रहते। संविधान और लोकतंत्र को बनाकर रखा गया जिसके कारण ही आप जिंदा हैं और इन बड़े बड़े पदों पर बैठे हैं।  उन्होंने कहा कि जिन फलों को भाजपा खा रहे हैं वे पेड़ कांग्रेस के और पंडित जवाहर लाल नेहरू के लगाये हुए हैं। 

कांग्रेस सदस्य ने खाद्य सुरक्षा कानून, मनरेगा, शिक्षा का अधिकार और कई अन्य योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि मौजूदा सरकार कभी इन योजनाओं पर सवाल उठाती थी और आज इन्हीं का फल खाने के साथ साथ श्रेय भी ले रही है। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि आपने कभी जिस मनरेगा के बारे में कहा था कि यह सरकार की विफलता का जीता जागता उदाहरण है उसी के कारण कोरोना के दौरान अनेक लोगों को रोजगार मिला है।

कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि इस देश की बुनियाद किसने रखी। उस पर मंजिल किसने बनायी आप तो केवल झंडा लगाने का काम कर रहे हैं। इस दौरान उनकी केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी से नोक झोक भी हो गयी। नकवी ने 1984 के सिख दंगों का मुद्दा उठाते हुए खड़गे को घेरने की कोशिश की। लेकिन उन्होंने पलटवार करते हुए कहा कि राजनीति मत करो। दलितों को हजारों साल तक कुचला गया लेकिन वे चुप रहे।

उन्होंने सरकार पर अपनी मनमर्जी करने और किसी की भी बात नहीं सुनने का आरोप लगाते हुए कहा कि अच्छे दिन के वादों के साथ लोगों को गुमराह कर सत्ता में आयी सरकार महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक चुनौती और गरीबी से निपटने तथा किसानों, महिलाओं और अनुसूचित जाति एवं जनजाति की स्थिति सुधारने के मोर्चें पर पूरी तरह विफल रही है। इस पर कुछ पंक्ति पढते हुए उन्होंने कहा  लश्कर भी तुम्हारा, सरदार भी तुम्हारा , तुम असत्य को भी सत्य लिख दो अखबार भी तुम्हारा।

कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि विपक्ष कुछ कहता है तो उसे सच बोलने नहीं दिया जाता और कह दिया जाता है कि वह देशद्रोही है और लोकतंत्र तथा धर्म खतरे में है। राम मंदिर निर्माण को लेकर किये जा रहे दावों पर उन्होंने कहा कि बिना बात की बातों के बजाय दिल में सच्ची आस्था होनी चाहिए और सबको साथ लेकर चला जाना चाहिए।

देश में बेरोजगारी और किसानों की दुर्दशा का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री से पूछना चाहते हैं कि अच्छे दिन कहां है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने सत्ता में आने से पहले हर वर्ष दो करोड़ नौकरी देेने तथा किसानों की आय दोगुना करने जैसे लुभावने वादे करते हुए अच्छे दिनों की बात कही थी लेकिन कहीं कुछ नहीं दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि अब एक बार फिर पांच वर्ष में 60 लाख नौकरी देने का वादा किया गया है। लेकिन दो करोड वाला अभी पूरा ही नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार के विभिन्न विभागों में 9 लाख करोड़ पद खाली हैं। प्रधानमंत्री कार्यालय तथा केन्द्रीय सचिवालय का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इनमें एक भी दलित नौकरी पर नहीं है।


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