RSS प्रमुख के बाद अब बोले अरशद मदनी-हिंदू मुस्लिमों के पूर्वज एक

आरएसएस प्रमुख ने वास्तव में अच्छी बात कही है उसके लिए मैं उनकी तारीफ करता हूं।

Update: 2021-09-13 06:22 GMT

नई दिल्ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत द्वारा हिंदू और मुसलमानों के पूर्वज एक ही बताए जाने पर ने भी अपनी सहमति जताते हुए उन्हीं की तरह अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा है कि हिंदुस्तान में रहने वाले गुर्जर, जाट और राजपूत हिंदू भी हैं और मुसलमान भी। आरएसएस प्रमुख ने वास्तव में अच्छी बात कही है उसके लिए मैं उनकी तारीफ करता हूं। मेरी राय में आरएसएस का पुराना रवैया अब बदल रहा है और वह सही रास्ते पर हैं।

जमीअत उलमा ए हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने भी आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा है कि आरएसएस प्रमुख का यह कहना पूरी तरह से सही है कि हिंदू और मुस्लिमों के पूर्वज एक ही हैं। जिस प्रकार से हिंदू समुदाय के बीच गुर्जर, जाट और राजपूत हैं, उसी तरह मुसलमान भी गुर्जर, जाट और राजपूत हैं। उन्होंने कहा है कि मुसलमानों को अपने देश से प्रेम है। दहशतगर्दी के जो मामले पकड़े जाते हैं उनमें ज्यादातर झूठे होते हैं। क्योंकि अगर यह सब सच्चे हैं तो फिर निचली अदालत से सजा मिलने के बाद हाईकोर्ट या फिर सुप्रीमकोर्ट जाकर लोग कैसे बरी हो जाते हैं। उन्होंने कहा है कि मेरे सामने कई ऐसे के मामले आये हैं जहां निचली अदालत और हाई कोर्ट ने फांसी की सजा दी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने उस व्यक्ति को बाइज्जत बरी कर दिया।

उन्होंने बताया कि देश में एक लाख से ज्यादा मस्जिद है। जहां पांच वक्त की अजान दी जाती है और पांच वक्त की नमाज भी पढ़ी जाती है। हमें हर मस्जिद के लिए इमाम चाहिए। इन मस्जिदों में जो बच्चे आते हैं उनको तालीम देने के लिए मौलवी चाहिए। नहीं तो हमारी मस्जिदे वीरान हो जाएंगी। दारुल उलूम की शिक्षा की बाबत उन्होंने कहा है कि दारुल उलूम में कक्षा 1 से 5 तक की सिर्फ कुरान की शिक्षा दी जाती है। इसके बाद 5 साल का कोर्स है। इसके अंदर हिंदी, भूगोल, हिसाब और कुछ फारसी जुबान पढ़ाते हैं। इसके बाद अरबी का कोर्स आता है। यह 8 वर्ष का है। इसमें अरबी की ग्रामर पढ़ाकर बच्चों को कुरान और हदीस की व्याख्या पढ़ाने के लिए तैयार करते हैं। आखिर में हम उन्हें हदीस और कुरान का पढ़ा हुआ मान लेते हैं।

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