सामाजिक संगठन 'नेकी की दीवार' बना बाढ़ पीडितों का सहारा

सामाजिक संगठन ‘नेकी की दीवार’ भोजन से लेकर पहनने के कपड़ों और पशुओं के चारे तक का सहारा बनकर सामने आया है।

Update: 2021-08-13 09:43 GMT

मुरैना। मध्यप्रदेश के चंबल संभाग के मुरैना और श्योपुर जिलों में अतिवृष्टि और चंबल एवं क्वारी नदियों में आई बाढ़ से बड़ी संख्या में बेघर हुए पीड़ितों के लिये सामाजिक संगठन 'नेकी की दीवार' भोजन से लेकर पहनने के कपड़ों और पशुओं के चारे तक का सहारा बनकर सामने आया है।

नेकी की दीवार के संचालक मनोज जैन ने आज यहां बताया कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान भी इस सामाजिक संगठन ने मुरैना जिले में सबलगढ़ अनुभाग से लेकर जिले के अंतिम छोर पोरसा तक कोरोना पीड़ितों से लेकर गरीबों और वे सहारा करीब दस हजार लोगों को खाद्यान की किटों का घरों में जाकर वितरण किया। उन्होंने बताया कि अभी पिछले दिनों अतिवृष्टि और चंबल एवं क्वारी नदियों में आई बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा में चंबल संभाग के मुरैना और श्योपुर जिलों में बढ़ी संख्या में बेघर हुए लोगों को भोजन के पैकिट मौके पर पहुंच कर वितरण किये जा रहे हैं।

संचालक मनोज जैन ने बताया कि पड़ोसी जिले श्योपुर में बाढ़ पीड़ितों के लिये नेकी की दीवार के कार्यकर्ताओं ने एक ट्रक कपड़े, साड़ियां एवं अस्थाई घरोना बनाने के लिये सैकड़ों की संख्या में तिरपाल भेजी हैं। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन के अनुरोध पर पशुओं के लिये भूसा की भी पूर्ति की गई है। उन्होंने बताया कि नेकी की दीवार चंदा मांगने पर विश्वास नहीं करती और इसका आर्थिक भार संगठन से जुड़े सदस्य ही वहन करते हैं।

उन्होंने कहा कि अगर कोई दानदाता स्वेच्छा से मदद करना चाहता है तो उसे इंकार नही करता। संगठन के संचालक मनोज जैन ने बताया कि इस संगठन ने शहर के मध्य एक कपड़ों का स्थायी सेंटर स्थापित किया हुआ है, जहां लोग अपनी स्वेच्छा से गरीबों को पहनने के लिये कपड़े दान करते हैं, जिन्हें गरीब किसी भी समय अपने उपयोग के लिये ले जाते हैं।

वार्ता

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