सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा वैक्सीन का हिसाब-किताब

अब कोरोना की लहर के प्रकोप से बचने के लिए देश में वैक्सीनेशन का काम जारी है।

Update: 2021-06-03 05:45 GMT

 नई दिल्ली। कोरोना की पहली लहर से हम गुजर जाए,उसके बाद दूसरी लहर से भी अब धीरे-धीरे उभरते जा रहे है। अब कोरोना की लहर के प्रकोप से बचने के लिए देश में वैक्सीनेशन का काम जारी है। अब तक 22 करोड से अधिक व्यक्तियों की वैक्सीन की डोज लगाई जा चुकी है। मगर जिस तरह से वैक्सीन की नीतियों को आगे बढ़ाया जाना है, उस पर गंभीर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।

देश की सर्वोच्च अदालत सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की नीतियों पर सवाल उठाया। अब केंद्र की वैक्सीन का पूरा हिसाब मांग लिया है। 18 से 44 वर्ष के लिए मौजूदा नीति को सुप्रीम कोर्ट ने मनमाना बताया है।

केंद्र सरकार अब वैक्सीन नीति को लेकर चारों तरफ घिरती नजर आ रही है। केंद्र सरकार ने 18 से 44 वर्ष उम्र के लिए वैक्सीन का खर्च राज्य सरकार को उठाने के लिए कहा है। इसको लेकर अब सुप्रीम कोर्ट भी सख्त हो गया है।

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से सवाल किया है आम बजट में वैक्सीन के लिए जिन 35 हजार करोड़ का ऐलान हुआ था उनका इस्तेमाल यहां क्यों नहीं किया जा रहा है।

वैक्सीनेशन में हो रही देरी पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब देश के नागरिकों के अधिकार संकट में हो तब अदालत इस तरह मूकदर्शक नहीं बन सकती है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की नीतियों का पूरा हिसाब किताब मांग लिया। अब केंद्र सरकार को बताना होगी कि उसने कब का वैक्सीन खरीदी। पूरे देश को वैक्सीन लगाने के लिए उसका क्या प्लान है। अदालत में यह जवाब दो हफ्ते में देने को कहा गया है।

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