जिला पंचायतों में प्रशासक तैनात किये जाने का मामला पहुंचा हाईकोर्ट
इसे पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत बताया गया है।
नैनीताल। उत्तराखंड की जिला पंचायतों में प्रशासक तैनात किये जाने का मामला उच्च न्यायालय पहुंच गया है। इसे पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के विपरीत बताया गया है।
ऊधम सिंह नगर की निवर्तमान जिला पंचायत सदस्य सुमन सिंह की ओर से इसे चुनौती दी गयी है। याचिकाकर्ता की ओर से 30 नवम्बर 2024 की अधिसूचना को चुनौती देते हुए कहा गया है कि सरकार ने नगर निकायों के बाद अब जिला पंचायतों को भी प्रशासकों के हवाले कर दिया है।
निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्षों को ही प्रशासक नियुक्त कर दिया गया है। ऊधम सिंह नगर जिला पंचायत में भी सरकार ने निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष को प्रशासक नियुक्त किया है। जो कि संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है।
याचिका में आगे कहा गया कि सरकार ने उच्च न्यायालय में 2010 में अंडर टेंकिंग दी थी कि प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायतों में बड़े स्तर पर प्रशासकों की तैनाती नहीं की जायेगी। सरकार अपने ही वादे से मुकर रही है।
दूसरी ओर प्रदेश सरकार की ओर से कहा गया कि पंचायती राज अधिनियम में प्रशासक की परिभाषा को स्पष्ट नहीं की गयी है। यह भी तय नहीं है कि प्रशासक कौन होगा। इसलिये सरकार ने 12 जिलों में निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्षों को ही प्रशासक नियुक्त कर दिया है। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की युगलपीठ ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए मंगलवार की तिथि मुकर्रर की है।