जेल में बंद विचाराधीन कैदी का इलाज ना कराने पर सख्त हुआ सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी का इलाज नहीं किए जाने पर मणिपुर राज्य सरकार पर कड़ी टिप्पणी की है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी का इलाज नहीं किए जाने पर मणिपुर राज्य सरकार पर कड़ी टिप्पणी की है।
गौरतलब है कि मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष के बीच मणिपुर की जेल में हाओकीप नाम का एक कैदी विचाराधीन है। हाओकिप का कहना है कि उसने जेल प्रशासन से अस्पताल में इलाज के लिए ले जाने को कहा था लेकिन उसको तेज दर्द होने के बाद भी जेल प्रशासन ने उसे अस्पताल में भर्ती नहीं कराया है । अपना इलाज न होने से कुकी समुदाय के हाओकिप ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
हाओकिप के एडवोकेट का कहना है कि बार-बार आग्रह के बावजूद भी जेल प्रशासन उनको अस्पताल में भर्ती नहीं कर पा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि कुकी समुदाय का होने के कारण हाओकिप को मणिपुर सरकार पर भरोसा नहीं है। इस मामले में सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने दुख जताते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट हाओकिप की मेडिकल जांच करने का हुक्म देता है, अगर मेडिकल रिपोर्ट में कुछ गंभीर बीमारी मिलती है तो सुप्रीम कोर्ट आगे की कार्रवाई करेगा। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने 15 जुलाई तक राज्य सरकार से एक रिपोर्ट भी मांगी है, साथ ही मणिपुर सरकार से सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह जेल में बंद हाओकिप के आने-जाने के साथ-साथ ही उसकी बीमारी का भी खर्चा उठाएं।