Scholarship Scam: सस्पेंड आरोपी गीताराम को नहीं मिली राहत
न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ, न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे युगलपीठ ने छात्रवृत्ति घोटाले की गीताराम नौटियाल याचिका पर सुनवाई
नैनीताल। छात्रवृत्ति घोटाले के आरोप में निलंबित समाज कल्याण विभाग के संयुक्त निदेशक गीताराम नौटियाल को उत्तराखंड उच्च न्यायालय से राहत नहीं मिली है। उच्च न्यायालय ने सरकार के बहाली आदेश को वापस लेने पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है।
गुरुवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश रवि कुमार मलिमथ तथा न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की युगलपीठ ने छात्रवृत्ति घोटाले की गीताराम नौटियाल की याचिका पर सुनवाई
की। मुख्य सचिव ओमप्रकाश की ओर से आज पीठ को बताया गया कि सरकार घोटाले में शामिल सभी आरोपियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही अमल में ला रही है। उनमें आरोपी गीताराम नौटियाल भी शामिल हैं।
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अयुष नेगी की ओर से अदालत से बताया गया कि सरकार ने गीतराम नौटियाल को इसी साल बहाल करने के मात्र चार दिन बाद 22 मई को बहाली आदेश वापस ले लिया। उन्होंने कहा कि मंत्री के दवाब में ऐसा किया गया। उन्होंने सरकार के कदम पर रोक लगाने की मांग की लेकिन पीठ ने उनकी मांग को स्वीकार नहीं किया। हालांकि अदालत ने मुख्य सचिव को निर्देश दिया कि प्रगति रिपोर्ट अदालत में चार सप्ताह के भीतर पेश करे।
गीताराम नौटियाल पर हरिद्वार के समाज कल्याण अधिकारी रहते हुए घोटाले के आरोप हैं। एसआईटी ने उन्हें 31 सितम्बर 2019 को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था। तथा सरकार ने उन्हें 19 नवम्बर 2019 को निलंबित कर दिया था। सरकार ने गीताराम नौटियाल को उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद और इसी साल 18 मार्च को सेवा में बहाल कर दिया था। इसके ठीक चार दिन बाद सरकार ने बहाली आदेश वापस ले लिए थे।