रामपुर कारतूस कांड- सभी 24 दोषियों को 10 10 साल की कैद

मुरादाबाद से पीटीसी में तैनात नाथीराम सैनी को भी एसटीएफ द्वारा इसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था।

Update: 2023-10-13 08:47 GMT

रामपुर। जनपद के चर्चित कारतूस कांड की 13 साल तक लगातार चली सुनवाई और इस दौरान हुई नो गवाहों की गवाही के बाद आखिरकार इस मामले में दोषी पाए गए 24 लोगों को 10-10 साल की कैद की सजा सुनाई गई है और इन सभी के ऊपर 10-10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है। सभी आरोपियों पर सजा समान रूप से चलेगी।

शुक्रवार को दोपहर बाद रामपुर में हुए कारतूस कांड के मामले में सभी 24 दोषियों को जेल से लाकर अदालत में पेश किया गया। इसके बाद शुरू हुई सुनवाई के दौरान अदालत द्वारा इन सभी दोषियों को सजा का ऐलान किया गया है।

अदालत से सजा पाए सभी 24 लोगों पर सरकारी धन को नुकसान पहुंचाने, चोरी की गई संपत्ति को कब्जे में रखने और आपराधिक षडयंत्र रचने के साथ ही आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा चला। इस मामले का खुलासा उस समय हुआ था जब दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में सीआरपीएफ के जवानों के शहीद होने के बाद एसटीएफ को खुफिया जानकारी मिली थी कि इस हमले में इस्तेमाल किए गए कारतूस रामपुर से भेजे गए थे।

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सूचना के आधार पर लखनऊ से आई एसटीएफ की टीम ने रामपुर में वर्ष 2010 की 29 अप्रैल को छापामार कार्रवाई की थी। जिसमें एसटीएफ ने प्रयागराज के रहने वाले पीएसी के रिटायर्ड दरोगा यशोदा नंदन, सीआरपीएफ के हवलदार विनोद कुमार एवं विनेश कुमार को राम रहीम पुल के पास से गिरफ्तार किया था।

एसटीएफ द्वारा उनके कब्जे से 1 लाख 75 हजार रूपये की नगदी, कारतूस, खोखा एवं हथियारों का जखीरा बरामद किया गया था। मुरादाबाद से पीटीसी में तैनात नाथीराम सैनी को भी एसटीएफ द्वारा इसी दिन गिरफ्तार कर लिया गया था।

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