राजा वाल्मीकि हत्याकांड- साजिश में पूर्व चेयरमैन को करना पड़ा सरेंडर

राजा वाल्मीकि हत्याकांड की साजिश रचने के मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व अध्यक्ष अदालत में सरेंडर कर दिया है।

Update: 2024-05-15 11:44 GMT

मुजफ्फरनगर। दिनदहाड़े गोलियों से भूनकर अंजाम दिए गए राजा वाल्मीकि हत्याकांड की साजिश रचने में मिली जमानत हाईकोर्ट द्वारा खारिज कर दिए जाने के बाद नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष को अदालत पहुंचकर सरेंडर करने को मजबूर होना पड़ा है। 7 साल पहले दिनदहाड़े अंजाम दिए गए राजा वाल्मीकि हत्याकांड की साजिश रचने के मामले में आरोपी बनाए गए पूर्व अध्यक्ष अदालत में सरेंडर कर दिया है।

बुधवार को खतौली नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष रहे पारस जैन ने आज अदालत में सरेंडर कर दिया है। 7 साल पहले नगर के होली चौक पर हुए राजा वाल्मीकि हत्याकांड की आपराधिक साजिश रचने के मामले में कोर्ट के आदेश पर आरोपी बनाए गए खतौली नगर पालिका के अध्यक्ष रहे पारस जैन को हाई कोर्ट द्वारा मिली जमानत को रद्द कर दिया गया था।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर आज पूर्व अध्यक्ष को अदालत में सरेंडर करने को मजबूर होना पड़ा है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2017 की 5 अप्रैल को खतौली के मोहल्ला देवीदास के रहने वाले डेयरी कारोबारी राजकुमार उर्फ राजा वाल्मीकि की उसे् समय गोलियां बरसाकर हत्या कर दी गई थी जब वह अपनी डेयरी पर कारोबार के सिलसिले में मौजूद था।

इस मामले में मृतक राजा वाल्मीकि के भाई राणा प्रताप पुत्र बाबूलाल ने राजू वाल्मीकि पुत्र ओमप्रकाश तथा दो अन्य के खिलाफ अपने भाई की हत्या के मामले को अंजाम देने का आरोप लगाते हुए नगर पालिका खतौली के तत्कालीन अध्यक्ष पारस जैन तथा फिलहाल जेल में निरुद्ध गोरा उर्फ गौरव पुत्र ओमप्रकाश पर राजा वाल्मीकि हत्याकांड की आपराधिक साजिश रचने का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था।

लेकिन बाद में पुलिस ने जांच पड़ताल करते हुए पारस जैन का नाम चार्जशीट से निकाल दिया था। इस पर पीड़ित पक्ष ने 319 सीआरपीसी के अंतर्गत पूर्व अध्यक्ष को अदालत में तलब करने की याचना कोर्ट से की थी। इस मामले में विशेष एससी एसटी कोर्ट के जज ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद पीड़ित के अधिवक्ता की याचना को मंजूर करते हुए पूर्व अध्यक्ष पारस जैन को समझ जारी कर 319 सीआरपीसी के अंतर्गत 8 मार्च को अदालत में पेश होने के आदेश जारी किए थे। जिसके चलते पारस जैन ने पिछले साल अदालत में सरेंडर कर दिया था।

इसके बाद पूर्व अध्यक्ष को हाई कोर्ट से जमानत मिल गई थी। वादी पक्ष की याचना पर हाईकोर्ट ने पारस जैन की जमानत को खारिज कर दिया था। जिसके चलते आज पारस जैन को अदालत पहुंचकर सरेंडर करने को मजबूर होना पड़ा है। अब पारस जैन के अधिवक्ता जमानत के लिए सक्रिय हो गए हैं।

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