31 साल बाद पूजा- ज्ञानवापी में गूंजी शंखनाद एवं घंटियों की आवाज

नवंबर 1993 में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में बने व्यास जी के तहखाना में बेरीकेडिंग करते हुए पूजा रोक दी गई थी।

Update: 2024-02-01 05:50 GMT

वाराणसी। अदालत की ओर से ज्ञानवापी के व्यासजी के तहखाने में हिंदुओं को दी गई पूजा करने की अनुमति के बाद परिसर में तड़के पूजा की गई। मस्जिद में बने व्यास जी के तहखाना में विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ने ब्रह्म बेला में जैसे ही पूजा कराई वैसे ही 31 साल बाद ज्ञानवापी परिसर शंखनाद एवं घंटियों की आवाज से गूंज उठा।

बृहस्पतिवार को वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में बने व्यास जी के तहखाना में विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओमप्रकाश मिश्र एवं गणेश्वर द्रविड़ द्वारा ब्रह्म बेला के दौरान विधि विधान के साथ मंगला गौरी की आराधना कराई गई। 31 साल बाद ज्ञानवापी परिसर में पूजा पाठ का काम दोबारा शुरू होने से जैसे ही शंखनाद हुआ और घंटियां बजी वैसे ही आसपास का इलाका धार्मिक माहौल में डूब गया।

नवंबर 1993 में ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में बने व्यास जी के तहखाना में बेरीकेडिंग करते हुए पूजा रोक दी गई थी। बुधवार को वाराणसी कोर्ट ने व्यास जी के तहखाना में हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति दी थी। अदालत के आदेशों के बाद जिलाधिकारी और पुलिस कमिश्नर द्वारा रात में ही पूजा के इंतजाम करते हुए बेरीकेडिंग को हटाते हुए पूजा की व्यवस्था की गई।

कमिश्नर कौशल राज मिश्रा, पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन एवं जिलाधिकारी एस राज लिंगम समेत पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी रात तकरीबन 11:30 बजे ज्ञानवापी परिसर में पहुंचे और दक्षिणी तहखाना में पूजा के संबंध में जिला जज के आदेशों के बाद सुरक्षा प्रबंधों की समीक्षा की गई।

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