मनीष हत्याकांड, हाईकोर्ट जज की निगरानी में हो जांच- अखिलेश
उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की घटना योगीराज में गोरखपुर में हुई है ऐसी घटना की मैं कभी भी कल्पना नहीं कर सकता हूं
कानपुर। पुलिस के तालिबानी रवैये के बाद की गई पिटाई से मरे प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता की मौत के मामले की हाईकोर्ट जज की निगरानी में जांच कराने की मांग करते हुए राज्य के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने कहा है कि इस मामले में दोषी पुलिसकर्मियों को सख्त से सख्त सजा दी जानी चाहिए। उन्होंने पार्टी की ओर से मृतक के परिवार को 20 लाख रुपए दिए जाने का ऐलान किया है।
बृहस्पतिवार को उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव राज्य के सीएम योगी आदित्यनाथ से पहले ही गोरखपुर में पुलिस की पिटाई से मरे प्रॉपर्टी डीलर मनीष गुप्ता के परिवारजनों से मिलने के लिए बृहस्पतिवार को कानपुर पहुंचे। भारी लाव लश्कर के साथ कानपुर पहुंचे पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने सीधे मनीष गुप्ता के घर पहुंचकर उसकी पत्नी मीनाक्षी और परिवार के अन्य सदस्यों से बातचीत की और उन्होंने इस मामले में समुचित कार्यवाही का भरोसा दिलाया। उन्होंने कहा कि योगीराज में रक्षक की जिम्मेदारी संभालने की बजाय निरंकुश हुई पुलिस अब बेकसूर लोगों की जान लेने से भी नहीं चूक रही है। मनीष गुप्ता की पुलिस पिटाई से हुई मौत इसका जीता जाता जागता उदाहरण है। उत्तर प्रदेश में पुलिस हिरासत में सबसे अधिक मौतें हुई हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस से सारे गलत काम सरकार करवा रही है। अखिलेश यादव ने पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग उठाते हुए कहा कि इस मामले की जांच हाईकोर्ट के जज की निगरानी में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि गोरखपुर में इस मामले की निष्पक्ष जांच हो पाना संभव नहीं है, इसलिए इस मामले की जांच गोरखपुर के बजाय कानपुर में होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार की घटना योगीराज में गोरखपुर में हुई है ऐसी घटना की मैं कभी भी कल्पना नहीं कर सकता हूं। उन्होंने पार्टी की ओर से मृतक मनीष गुप्ता के परिवार को 20 लाख रुपए दिए जाने की घोषणा करते हुए कहा है कि सरकार की ओर से मृतक के परिवारजनों को दो करोड़ रुपए का मुआवजा देते हुए मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी को सरकार की ओर से नौकरी देनी चाहिए। उधर पीड़ित परिवार ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की है।