हाईकोर्ट का बड़ा फैसला- लाउडस्पीकर पर अजान मौलिक अधिकार नहीं

इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से कहा गया है कि लाउडस्पीकर पर अजान मौलिक अधिकार नहीं है

Update: 2022-05-06 06:24 GMT

प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से कहा गया है कि लाउडस्पीकर पर अजान मौलिक अधिकार नहीं है। इस अहम टिप्पणी के साथ उच्च न्यायालय की ओर से बदायूं के एक मौलवी की ओर से दाखिल की गई याचिका को खारिज कर दिया गया है। अदालत का यह महत्वपूर्ण फैसला ऐसे समय पर आया है जब उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के आदेश पर प्रदेश के धार्मिक स्थलों से एक लाख से भी अधिक लाउडस्पीकर उतारे जा चुके हैं। इसके अलावा इससे भी कहीं अधिक स्थानों पर लाउडस्पीकर की आवाज को कम कर दिया गया है।

शुक्रवार को उत्तर प्रदेश में धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर उतारे जाने के फैसले पर आज हाईकोर्ट की ओर से भी अपनी मोहर लगा दी गई है। बदायूं के एक मौलवी की ओर से दाखिल की गई याचिका को खारिज करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की ओर से कहा गया है कि लाउडस्पीकर पर अजान किया जाना मौलिक अधिकार नहीं है। बदायूं की नूरी मस्जिद के मुतवल्ली इरफान की ओर से दायर की गई याचिका को हाईकोर्ट के जस्टिस विवेक कुमार बिरला और जस्टिस विकास बधवार की बेंच ने खारिज कर दिया है।

मुतवल्ली इरफान ने अजान के लिए लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत मांगते हुए उपजिलाधिकारी बिसौली को आवेदन दिया था। एसडीएम की ओर से इसे खारिज किए जाने के बाद इरफान ने इलाहाबाद हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था।

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