मेयर के करीबी की कार पकड़ना पड़ा भारी- आधी रात को ही हटे थानेदार
सत्ता की हनक दिखाते हुए आधीरात को ही इंस्पेक्टर को थाने से हटवाकर डीसीपी के दफ्तर से अटैच करा दिया।
वाराणसी। नगर निगम के करीबी की कार को पकड़ना थानेदार को इस कदर भारी पड़ गया कि मेयर ने सत्ता की हनक दिखाते हुए आधीरात को ही इंस्पेक्टर को थाने से हटवाकर डीसीपी के दफ्तर से अटैच करा दिया।
दरअसल महानगर के वरुणा पुल स्थित ठेके के आसपास लोग अपनी गाड़ियां इधर-उधर खड़ी करके दारू पी रहे थे। इसी दौरान चेकिंग करने के लिए निकले एडीसीपी वरुणा सरवणन को वहां पर हालात बुरी तरह से बिगड़े हुए मिले तो उन्होंने सड़क तक गाड़ियां लगाने वाली लोगों को जमकर फटकार लगाई।
इस दौरान इनोवा कार में सवार एक व्यक्ति ने खुद को भाजपा नेता बताते हुए मेयर का करीबी बताया और गाड़ी छोड़ने की डिमांड की।
पुलिस उस भाजपा नेता की इनोवा कार को थाने ले गई। भाजपा नेता ने जब इसकी शिकायत मेयर अशोक तिवारी से की तो मेयर ने अपनी पावर का इस्तेमाल करते हुए कैंट थाना अध्यक्ष को अपने करीबी की गाड़ी छोड़ने का निर्देश दिया।
लेकिन थानेदार ने आला अधिकारियों द्वारा की गई कार्यवाही का हवाला देते हुए गाड़ी छोड़ने से इनकार कर दिया।
थानेदार के इनकार के बाद तिलमिलायें मेयर अशोक तिवारी भारतीय जनता पार्टी के महानगर अध्यक्ष को साथ लेकर पुलिस आयुक्त के कैंप कार्यालय पहुंचे और कैंट थाना अध्यक्ष की शिकायत की।
उन्होंने पुलिस आयुक्त को बताया कि भाजपा कार्यकर्ता अपनी पत्नी के साथ गया था और उसने गलत जगह पर गाड़ी खड़ी कर दी थी।
आरोप है कि इस दौरान मौके पर मौजूद पुलिस द्वारा पत्नी के सामने की भाजपा नेता के साथ अभद्रता की गई और मेयर की सिफारिश को नहीं माना गया।
कार्यकर्ता ने जब मुझे फोन करके बताया तो थाना अध्यक्ष को फोन किए जाने पर उसने मेरे से असंसदीय भाषा का इस्तेमाल किया।
मेयर की शिकायत के बाद पुलिस आयुक्त ने कैंट इंस्पेक्टर को डीसीपी दफ्तर से अटैच कर दिया।