असम में CAA का विरोध- जलाये पीएम मोदी एवं अमित शाह के पुतले
किसी भी व्यक्ति को नागरिकता दी जाती है तो वह इस्तीफा देने वाले पहले व्यक्ति होंगे।
गुवाहाटी। केंद्र सरकार की ओर से विभिन्न देशों के अल्पसंख्यकों को भारत की नागरिकता देने के लिए लाये गए CAA के विरोध में लेक असम में प्रदर्शन करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं केंद्रीय मंत्री अमित शाह के पुतला के साथ कानून की प्रतियां जलाई गई है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि का CAA के लागू होने के बाद लाखों लोग राज्य में अवैध रूप से प्रवेश करेंगे।
बृहस्पतिवार को लेक असम में CAA का विरोध शुरू करते हुए प्रदर्शनकारियों द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अलावा केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के पुतलों के अलावा CAA कानून की प्रतियां जलाई गई है।
असम पुलिस ने कानून के विरोध को रोकने के लिए गुवाहाटी में जगह-जगह बैरिंकेडिंग कर दी गई है और कई थाना क्षेत्र के खाली परिसरों को स्थाई जेल के तौर पर परिवर्तित किया जा रहा है।
राजनीतिक विश्लेषण को का मानना है कि यदि CAA के विरोध में आंदोलन उग्र हुआ तो राज्य की सभी 16 सीटों पर इसका सीधा असर पड़ेगा।
उधर असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि अगर राज्य में एनआरसी के लिए आवेदन नहीं करने वाले किसी भी व्यक्ति को नागरिकता दी जाती है तो वह इस्तीफा देने वाले पहले व्यक्ति होंगे।