पूर्व MLA समेत कई भाजपा नेताओं के गैर जमानती वारंट जारी

Update: 2022-06-29 11:44 GMT

मुजफ्फरनगर। सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले में प्रदेश सरकार के व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल की पत्रावली को सुनवाई से अलग करते हुए अदालत द्वारा पूर्व एमएलए अशोक कंसल समेत भारतीय जनता पार्टी के कई नेताओं के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं। जिससे भाजपा नेताओं में हड़कंप की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

बुधवार को वर्ष 2016 के दौरान मुजफ्फरनगर के थाना नई मंडी इलाके में किए गए प्रदर्शन को लेकर सरकारी कार्य में बाधा डालने के मामले की सुनवाई एमपी एमएलए कोर्ट में की गई। मामले की सुनवाई करते हुए एमपी एमएलए की विशेष अदालत के जज मयंक जायसवाल ने प्रदेश सरकार के व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन विभाग मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल की अर्जी को स्वीकार करते हुए उनकी पत्रावली को अलग कर सुनवाई के लिए आगामी 5 जुलाई की तिथि नियत की गई है।

मंत्री कपिल देव अग्रवाल की तरफ से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता शिवराज त्यागी ने जोरदार पैरवी की। इस दौरान कई आरोपियों को अदालत में उपस्थित नहीं होने पर अदालत की ओर से भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक अशोक कंसल, नितीश मलिक एवं नितिन मलिक आदि के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करते हुए आरोपियों को 5 जुलाई को पेश करने के आदेश कोर्ट की ओर से दिए गए हैं।

इस बीच भारतीय जनता पार्टी के नेता श्रीमोहन तायल ने आज विशेष अदालत के सामने पेश होकर अपने वारंटी रिकॉल करने की प्रार्थना की। जिस पर अदालत ने भाजपा नेता श्रीमोहन तायल के वारंट निरस्त करते हुए आगामी 5 जुलाई को उन्हें अदालत में पेश होने के आदेश दिए हैं।

गौरतलब है कि मामले के कई आरोपियों के कोर्ट में पेश नही होने पर अदालत द्वारा उनके गैर ज़मानती वारंट जारी कर दिये गए थे। इसके बाद मंत्री कपिल देव अग्रवाल व श्रीमोहन तायल ने अपने वकीलों के माध्यम से अर्जी दाखिल कर आज वारंट निरस्त करा लिए, जबकि पूर्व एमएलए अशोक कंसल, नितीश मलिक और नितिल मलिक समेत 5 भाजपा नेताओं के विरुद्ध वारंट जारी हो गए हैं।

अभियोजन सूत्रों के अनुसार वर्ष 2016 में थाना नईमंडी पुलिस ने बिना अनुमति के प्रदर्शन कर सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में पूर्व विधायक अशोक कंसल, मंत्री कपिल देव अग्रवाल सहित 7 के विरुद्ध धारा 147, 171, 186, 332 एवं 353 आईपीसी के तहत मामला दर्ज किया था। जिसकी सुनवाई विशेष अदालत एमपी-एमएलए सिविल ज़ज़ सीनियर डिवीज़न मयंक जायसवाल की कोर्ट में चल रही है।

अब प्रदेश सरकार के व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास मिशन विभाग मंत्री स्वतंत्र प्रभार कपिल देव अग्रवाल की पत्रावली अलग हो गई है, जबकि बाकी आरोपियों की सुनवाई पुरानी पत्रावली के आधार पर ही होगी।

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