NEET: छूटे उम्मीदवारों के लिए 14 अक्टूबर को परीक्षा कराने का आदेश

उच्चतम न्यायालय ने कोरोना संक्रमण के कारण नीट देने में असमर्थ रहे छात्रों को दोबारा मौका देने का सोमवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया

Update: 2020-10-12 13:59 GMT

नई दिल्ली। उच्चतम न्यायालय ने कोरोना संक्रमण के कारण राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (नीट) देने में असमर्थ रहे छात्रों को दोबारा मौका देने का सोमवार को केंद्र सरकार को निर्देश दिया।

मुख्य न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की अध्यक्षता वाली तीन-सदस्यीय खंडपीठ ने नीट परीक्षा आयोजित करने वाली नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) को 14 अक्टूबर को परीक्षा आयोजित करने तथा 16 अक्टूबर को परिणाम घोषित करने का आदेश दिया।

खंडपीठ का यह आदेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता की हामी के बाद आया। खंडपीठ में न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और न्यायमूर्ति वी रमासुब्रमण्यम भी शामिल थे।

गौरतलब है कि न्यायालय ने विभिन्न क्षेत्रों के छात्रों के समूह की वह याचिका खारिज कर दी थी जिसमें उन्होंने नीट परीक्षा रद्द करने का न्यायालय से अनुरोध किया था। याचिकाकर्ताओं ने कोरोना संक्रमण का हवाला देकर परीक्षा रोकने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन न्यायालय उसे ठुकरा दिया था। उसके बाद परीक्षा आयोजित की गयी थी, लेकिन कुछ संक्रमित या कंटेनमेंट जोन के उम्मीदवार परीक्षा से वंचित रह गये थे।

छूटे उम्मीदवारों की दलील थी कि कई ऐसे उम्मीदवार हैं, जिनका यह अंतिम मौका है, इसलिए उनके कैरियर को ध्यान में रखते हुए उन्हें दोबारा मौका दिया जाए। इस याचिका पर न्यायालय ने गम्भीरता से विचार किया और 14 अक्टूबर को ऐसे उम्मीदवारों को मौका देने का केंद्र को आदेश दिया। परीक्षा परिणाम 16 अक्टूबर को जारी होंगे।

वार्ता

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